द फॉलोअप डेस्क
बिहार में जातिगत सर्वे के बाद अब जमीन सर्वे सामाजिक और राजनीतिक परिस्थतियों को बेहद प्रभावित कर रहा है। जमीन सर्वे के दौरान नवादा में बुधवार को मांझी टोली में दलित बस्ती पर हुए हमले और करीब 100 झोपड़ियों को जलाने की घटना के बाद बिहार कि सियासत गर्म हो गई है। इस पूरे मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। दलित नेता और केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक जाति विशेष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या कहा जीतन राम मांझी
इधर, गया के सांसद और केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने सोशल मीडिया में एक पोस्ट करते हुए लिखा है “हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है, विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवातें हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं। ये लोग राजद समर्थक हैं। राहुल गांधी अब इस पर कुछ बोलेंगें या फिर चुप्पी साध लेंगें।”
हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है,
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) September 19, 2024
विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवातें हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं।
नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं और राजद समर्थक हैं।
राहुल गांधी जी…
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को करीब 100 कि संख्या में दबंग अचानक दलित बस्ती में आ पहुंचे। बस्ती में घुसते ही दबंगों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के कारण मौके पर दहशत का माहौल हो गया। बताया जा रहा है कि दबंगों ने करीब 50 राउन्ड फायरिंग की। इस दौरान ग्रामीण अपने आपको बचाने के लिए इधर-उधर छिपने लगे। घटना की सूचना मिलते ही पहले स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे, इसके बाद डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे। घटना के तुरंत बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई ग्रामीणों से मिली सूचना के अनुसार की। डीएम आशुतोष कुमार ने बताया कि कृष्णा नगर नदी पर यह गांव बसा हुआ है। घटना की जांच करते हुए, यह मालूम हुआ कि करीब 30 घर जले हैं। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।