द फॉलोअप डेस्क
बिहार में बेरोजगारी की स्थिति ने एक नई तस्वीर पेश की है। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर के बीच बड़ा अंतर देखा जा रहा है। बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर कहीं ज्यादा है। इसमें खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों की बेरोजगारी दर महिला बेरोजगारी दर से तीन गुना अधिक है। जबकि शहरी इलाकों में उल्टा देखा जा रहा है, जहां महिलाओं में बेरोजगारी दर पुरुषों से अधिक है।बिहार में क्या है बेरोजदारी दर
आंकड़ों की बात करें तो बिहार के ग्रामीण इलाकों में पुरुषों में बेरोजगारी दर 3.3 प्रतिशत है। वहीं, महिलाओं में यह दर केवल 0.9 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि ग्रामीण इलाकों में औसत बेरोजगारी दर 2.6 प्रतिशत है। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में पुरुषों में बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत है। जबकि महिलाओं में यह और भी अधिक 9.1 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इस प्रकार शहरी क्षेत्रों में औसत बेरोजगारी दर 7.3 प्रतिशत है।
अगर दोनों क्षेत्रों को मिलाकर देखें तो राज्य में बेरोजगारी दर पुरुषों में 3.6 प्रतिशत और महिलाओं में 1.4 प्रतिशत है। कुल मिलाकर राज्य में औसत बेरोजगारी दर 3 प्रतिशत रही। जबकि भारत का औसत बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत है। यह आंकड़ा बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो यह दर्शाता है कि राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की समस्या अलग-अलग रूप में सामने आ रही है। इन क्षेत्रों में महिलाओं और पुरुषों के बीच भी बेरोजगारी के स्तर में फर्क देखा जा रहा है।