द फॉलोअप डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पटना जिले की प्रगति यात्रा के दौरान 25 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 32 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की योजना तैयार की गई है। इन परियोजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है और उनके कार्यों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन होने से तीन साल में पटना का कायापलट हो जाएगा। लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से ये परियोजनाएं पटना के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। इन परियोजनाओं से शहर और ग्रामीण इलाकों में सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे विस्तार के साथ आवागमन में और अधिक सहूलियत होगी।
इसके अलावा, पुनपुन-राजगीर के बीच तीसरे एयरपोर्ट के निर्माण की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सैद्धांतिक सहमति का इंतजार किया जा रहा है, और सहमति मिलने के बाद जमीन की तलाश की जाएगी। पटना के जिलाधिकारी ने बताया कि पालीगंज में निबंधन कार्यालय का कार्य भी जल्द शुरू होगा। बाढ़ के उमानाथ मंदिर में 480 मीटर लंबा रिवर फ्रंट और सीढ़ी घाट का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के लिए नगर विकास और पर्यटन विभाग मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा, दीदारगंज से पुनपुन तक बांध पर सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि जेपी गंगापथ के विस्तार में शेरपुर और शाहपुर के पास कनेक्टिविटी होने से लोगों को काफी सुविधा होगी। गंगापथ के कोईलवर से मोकामा तक सात पुलों के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।
इसके साथ ही, बाढ़ और पालीगंज को छोड़कर शेष चार अनुमंडल क्षेत्रों में विस्तार के लिए जिला प्रशासन ने ग्रेटर पटना बनाने का प्रस्ताव नगर विकास और आवास विभाग को भेजा है। इससे टाउनशिप के निर्माण, सड़कों, नालों और ड्रेनेज जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास संभव होगा। सड़कों के निर्माण का कार्य लगभग डेढ़ साल में पूरा होगा, जबकि बड़ी योजनाओं जैसे जेपी गंगापथ, पटना रिंग रोड और अन्य प्रमुख सड़कों का निर्माण दो साल से अधिक समय में पूरा होने की उम्मीद है। इन स्वीकृत योजनाओं से संबंधित कार्यों की प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है।