द फॉलोअप डेस्क:
बिहार के जमुई जिला स्थित सोनो के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में रविवार की अहले सुबह अजीब घटना हुई। दरअसल, तड़के 3 बजे जब वार्डन की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि हॉस्टल में एक भी बच्ची नहीं है। हॉस्टल में तकरीबन 55 बच्चियां रहती हैं। हैरानी की बात है कि 55 बच्चियां हॉस्टल से निकलकर चली गईं और वार्डन या गार्ड को पता भी नहीं चला।
छात्राओं के हॉस्टल छोड़ने पर मचा हड़कंप
बच्चियों के हॉस्टल से गायब होने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उनकी खोज शुरू हुई। 3 बच्चियां सोनो चौक में मिलीं वहीं 10 बच्चियों को चकाई नाम की जगह से वापस लाया गया। उसी शाम तकरीबन 1 दर्जन छात्राओं को वापस बुला लिया गया। हॉस्टल लौटी बच्चियों ने बताया कि रविवार को उन्हें केवल दोपहर का खाना मिला था। रात को सब लोग भूखे पेट ही सो गए। बच्चियों ने यह भी आरोप लगाया कि यह कोई एक-दो दिन की बात नहीं है। ऐसा अक्सर होता है।
खाना पकाने में सहयोग मांगने का लगाया आरोप
स्कूल की छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन और रसोईया उनसे खाना बनाने में सहयोग करने का दबाव बनाते हैं। कहते हैं कि यदि समय पर खाना चाहिए तो पकाने में मदद करो। छात्राओं ने हॉस्टल में गंदगी की भी शिकायत की है। वहीं, स्कूल के एक कर्मी ने बताया कि राशन दुकानदारों के बकाए का भुगतान नहीं किया गया है। फंड नहीं होने की वजह से मुश्किल आ रही है।