द फॉलोअप डेस्क
बिहार के मधेपुरा जिले में 31 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन पर तबादले के बाद भी अपनी जिम्मेदारियां निभाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि ये मामला तब सामने आया जब अधिकारियों ने बार-बार निर्देश मिलने के बावजूद अपने उत्तराधिकारियों को केस फाइलें नहीं सौंपी। इससे कई महत्वपूर्ण जांच लंबित हो गईं।
BNS की धाराओं के तहत मामला दर्ज
इस संबंध में पुलिस प्रशासन ने बताया कि अधिकारियों के तबादले के बाद केस फाइलों का न सौंपना न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था। इसके कारण मामलों की सुनवाई में देरी हो रही थी। इसे गंभीर मानते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पहले भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
जानकारी हो कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई हो। इससे पहले गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में भी अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह की लापरवाही के आरोप लगाए गए थे। इन मामलों में भी तबादले के बाद अधिकारियों ने फाइलें नहीं सौंपी, जिससे जांच में रुकावट आई थी।
पूर्वी चंपारण में रोका गया था वेतन
वहीं, जनवरी में पूर्वी चंपारण में 104 पुलिसकर्मियों का वेतन रोका गया था, क्योंकि उन्होंने अपनी तबादलों के बावजूद फाइलें नहीं सौंपीं। इसके कारण 990 मामलों की जांच प्रभावित हो रही थी। पुलिस प्रशासन ने उन अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर केस फाइलें सौंपने का आदेश दिया था।
इसी तरह गोपालगंज जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां कई मामले पांच से दस साल से लंबित थे। क्योंकि अधिकारियों ने केस फाइलें अपने साथ ले लीं और जांच में रुकावट आई। अब बिहार पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है और स्पष्ट किया है कि अगर भविष्य में कोई अधिकारी तबादले के बाद फाइलें नहीं सौंपता है। तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ताकि जांच प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए और लंबित मामलों का जल्दी समाधान हो सके।