पटना
बिहार में चोरी की गाड़ियां अब दूसरे राज्यों या गैराजों में नहीं भेजी जा रही हैं, बल्कि पटना और उसके आसपास के जिलों में बेची जा रही हैं। चोर पुलिस और निगरानी कैमरों से बचने के लिए फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का उपयोग कर रहे हैं। चित्रगुप्तनगर थाना पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट बनाने के आरोप में तीन दुकानदारों को गिरफ्तार किया है। भट्टाचार्या रोड से पकड़े गए इन दुकानदारों के पास से 244 हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, आइएनडी प्लेट तैयार करने वाली एक मशीन और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। इनमें से अधिकांश प्लेट अधूरी अवस्था में थीं।
सात सौ रुपये में बेचते थे नंबर प्लेट
पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये दुकानदार पिछले तीन-चार सालों से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार कर 700 रुपये में बेचते थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद दो अन्य दुकानदार फरार हो गए, जिनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। जिस बाइक के जरिए पुलिस इन दुकानदारों तक पहुंची, उसके चालक को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्तियों में एक नाबालिग भी शामिल है।
शनिवार शाम वाहन जांच के दौरान पुलिस ने अविनाश कुमार और एक नाबालिग को रोका। उनके पास वाहन के दस्तावेज नहीं थे और बाइक पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी थी। संदेह होने पर पुलिस ने एचएचडी मशीन से जांच की, जिससे पता चला कि चेचिस नंबर और नंबर प्लेट अलग-अलग थे।
असली मालिक का पता चला
जांच में सामने आया कि बाइक के असली मालिक नालंदा जिले के नूरसराय निवासी चंद्रमणि कुमार हैं। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को उनकी बाइक चोरी हो गई थी और इस संबंध में नूरसराय थाने में मामला दर्ज किया गया था।
सोशल मीडिया से मिला सुराग
अविनाश ने बताया कि उसकी भी पहले एक आर-15 एम बाइक थी, जो चोरी हो गई थी। उसने फतुहा में अपनी मोबाइल दुकान पर आए एक व्यक्ति से 25 हजार रुपये में बाइक खरीदी थी। बाद में इंस्टाग्राम पर उसने इसी मॉडल की बाइक देखी और उसका नंबर नोट किया। उसने भट्टाचार्या रोड की दुकान से 700 रुपये में फर्जी नंबर प्लेट बनवाई थी। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।