द फॉलोअप डेस्कः
जमीन कारोबारी कमलेश कुमार की रिमांड पर सोमवार को रांची के PMLA की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी ने कोर्ट से कमलेश से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी। जिसके बाद कोर्ट ने ED को कमलेश को 5 दिनों तक रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए अनुमति दी है। गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को कोर्ट ने कमलेश को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार भेज दिया था।
26 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि 26 जुलाई को ईडी ने पूछताछ के बाद कमलेश को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के दूसरे दिन 27 जुलाई को कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेजा गया है। 21 जून को कमलेश के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी। छापेमारी में 1 करोड़ कैश के साथ 100 कारतूस बरामद किया गया था। उसके खिलाफ कांके थाने में दो केस और गोंदा थाना में दो केस दर्ज हैं। कुल 4 केस को ईडी ने टेकओवर कर कमलेश कुमार, अमरेंद्र कुमार पांडे और नूरुल अंसारी के खिलाफ ECIR दर्ज की है। कमलेश छठे समन पर शुक्रवार को ईडी दफ्तर पहुंचा था।
क्या है आरोप
कमलेश पर फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने का आरोप है। इसका नेटवर्क कांके अंचल क्षेत्र में फैला हुआ था।फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट से जुड़े शेखर कुशवाहा ने कमलेश कुमार के कारनामे की जानकारी ईडी को दी थी। उसने बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कांके इलाके में कई जगहों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन पर कब्जा जमा रखा था। इस खुलासे के बाद जून महीने में ईडी ने समन कर कमलेश कुमार को रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन ईडी के समन पर उपस्थिति होने के बजाय कमलेश फरार हो गया था।इसके बाद 21 जून की दोपहर ईडी की टीम कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्ट्रो ग्रीन स्थित फ्लैट पहुंची थी, लेकिन टीम के पहुंचने के ठीक पहले कमलेश वहां से निकल गया था। ईडी द्वारा उसके फ्लैट को जब सर्च किया गया था, तब 100 कारतूस और एक करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे। एजेंसी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए थे।
पुलिस हाउसिंग के नाम पर जमीन बेची
कमलेश कुमार पूर्व में कांके में बीएयू की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जेल जा चुका है। कांके पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भेजा था। जानकारी के मुताबिक, गैरमजरूआ जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर कर कमलेश ने राज्य के कई पुलिस अफसरों को भी जमीन बेची थी। इसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडेय से जुड़ा मामला काफी चर्चित रहा था।कमलेश के खिलाफ गोंदा थाने में भी ठगी का केस दर्ज है। ईडी को जानकारी मिली है कि कांके रिसॉर्ट में भी कमलेश की हिस्सेदारी रही है।
कैसे मिली कमलेश की संलिप्तता की जानकारी
जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट में शामिल प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल में कमलेश से चैट का पता चला था। जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आदान प्रदान के साक्ष्य ईडी को मिले थे।इसके बाद ईडी ने कमलेश कुमार को समन भेजकर बुलाया था। कमलेश की गिरफ्तारी के बाद इस सिंडिकेट में शामिल कई और बड़ी मछलियों के पकड़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
बता दें कि शेखर कुशवाहा पर बड़गाई अंचल की 4.83 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। शेखर कुशवाहा आदिवासी जमीन को सामान्य बनाकर जमीन की खरीद बिक्री करता था।