द फॉलोअप डेस्क :
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात को औपचारिक बताई गई। लेकिन राजनितिक विश्लेषक इस मुलाकात को 23 जून को होने वाली विपक्षी एकजुटता की बैठक से जोड़कर देख रहें हैं। जिस प्रकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लगातार गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से मिलना और उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ गोलबंद करना इस से यह तय माना जा रहा है की आने वाले 23 जून को राजधानी पटना में होने वाली बैठक में विपक्ष के बड़े नेताओं की मौजूदगी रहेगी। जिसमें हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे। इसके अलावा जिन बड़े नेताओं के इस बैठक में शामिल होने की बात हो रही है। उनमे कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, आप सुप्रीमों व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, यूपी से समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के नाम शामिल हैं।
23 जून की बैठक में ममता के शामिल होने पर संशय
बैठक में तमाम बड़े नेताओं के शामिल होने के अलावा एक नाम और भी है जिसकी चर्चा इन दिनों तेज है। दरअसल नीतीश कुमार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर उन्हें इस बैठक के लिए आमंत्रित किया था। ममता ने इस बात पर हामी भी भरी थी। लेकिन इसमें अब एक अड़चन आ रही है। ममता ने बैठक में शामिल होने को लेकर एक शर्त रखा है। शर्त से नीतीश की चिंता बढ़ गई है। ममता ने कहा है की अगर कांग्रेस और सीपीएम, टीएमसी के खिलाफ बंगाल में चुनाव लड़ेगी। तो वे 23 जून को होने वाली बैठक में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का हिस्सा नहीं बनेंगी।
डी राजा के अलावा सीएम हेमंत सोरेन से पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, राष्ट्रीय सचिव श्री के नारायण और बालचंद कांगो, झारखंड प्रदेश राज्य सचिव, महेंद्र पाठक एवं कार्यकारिणी सदस्य अजय सिंह मिले।
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