द फॉलोअप डेस्क
बिहार में पिछले एक साल के अंदर साइबर अपराधों की संख्या में तेजी से इजाफा आया है। ऐसे में बिहार पुलिस भी साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए एक्शन में आ गई है। इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने राज्य में ज्यादा संदिग्ध खातेवाले दस बैंक शाखाओं की पहचान कर ली है। इनमें साइबर अपराधियों के खाते संचालित होने की आशंका जाहिर की गई है। इसे लेकर EOU ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है, जिसमें इन पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।निजी बैंकों में है अधिकतर संदिग्ध खाता
मिली जानकारी के अनुसार, EOU द्वारा पहचान किए गए इन दस बैंक शाखाओं में म्यूल बैंक खाते या साइबर अपराध में ठगी की जानेवाली राशि को जमा करने के लिए संदिग्ध बैंक खाते सबसे अधिक संख्या में खोले गए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें सबसे ज्यादा 6 बैंक शाखाएं पटना में अलग-अलग स्थानों पर मौजूद विभिन्न बैंकों की हैं। जिनमें ज्यादातर निजी बैंकों की शाखाएं शामिल हैं। इसके साथ ही सिवान, पूर्णिया और बेतिया की बैंक शाखाएं भी शक के घेरे में शामिल हैं। आशंका है कि इन बैंक शाखाओं में दर्जनों म्यूल खाते या साइबर ठगी की राशि का लेन-देन करने के लिए संदिग्ध बैंक खाते खोले गए हैं।
कार्रवाई करने का किया अनुरोध
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन म्यूल खातों में बड़ी संख्या में राशि की संदिग्ध लेन-देन हुई है। ऐसे में EOU ने इन बैंक शाखाओं और इनमें खोले गए म्यूल खातों की पहचान कर ली है। इसके बाद EOU ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए RBI और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। जानकारी हो कि राज्य में ऐसे अन्य बैंक शाखाओं की पहचान भी जारी है, ताकि ऐसे म्यूल खातों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। फिलहाल, EOU सभी संदिग्ध खातों से हुए लेन-देन की जांच करने में जुटा हुआ है।