द फॉलोअप डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले NDA में हलचल तेज हो गई है। लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने 8 जून को आरा की रैली में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सियासी हलचल मचा दी। इसके बाद NDA के अन्य सहयोगी दलों में बेचैनी बढ़ गई है। बिना नाम लिए चिराग पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री और HAM पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा, "जो मजबूत होता है, वो बोलता नहीं है।" मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेताओं के काफिले में 20 गाड़ियां होती हैं, जिनमें से 10 गाड़ियों में सिर्फ नारा लगाने वाले लोग होते हैं। मांझी ने 2024 के इमामगंज उपचुनाव का जिक्र करते हुए चिराग पर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया कि उन्होंने वहां प्रचार नहीं किया, जबकि गया जिले के अन्य क्षेत्रों में दिखाई दिए। मांझी ने कहा कि यह बात NDA के सभी नेताओं को पता है, लेकिन उनकी पार्टी अनुशासित है, इसलिए चुप रही।
इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी को दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट देने की बात हुई थी, लेकिन केवल एक लोकसभा सीट मिली।
मांझी के इस बयान से यह लग रहा है कि बिहार NDA में फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं है और चिराग की राजनीतिक महत्वाकांक्षा बाकी सहयोगियों को रास नहीं आ रही है।