द फॉलोअप डेस्क
पटना में हाल ही में चार वाहन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी गाड़ियों की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ की थी। सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की पैनी नजर से ये छेड़छाड़ पकड़ी गई, और अब इन चालकों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।
चालान से बचने के लिए होशियारी
पटना में ऑटोमेटिक चालान सिस्टम लागू होने के बाद से वाहन चालकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरे हर गाड़ी की गतिविधि पर नजर रखते हैं और नियम तोड़ने पर चालान ऑनलाइन कट जाता है। हालांकि, कुछ वाहन चालक इस सिस्टम को चकमा देने के लिए नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर रहे थे, ताकि कैमरे उनकी गाड़ी को पहचान न सकें। मगर यह चालाकी अब उनके लिए परेशानी का कारण बन गई है।
चार वाहन मालिकों पर गिरी गाज
पटना के विभिन्न इलाकों में हाल ही में चार ऐसे मामले सामने आए, जहां नंबर प्लेट में छेड़छाड़ की गई थी। पहला मामला भट्टाचार्य मोड़ का है, जहां इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की सर्विलांस टीम ने एक वाहन पकड़ा। यह गाड़ी बासुदेव सिटी की एक महिला के नाम पर रजिस्टर्ड थी, लेकिन नंबर प्लेट का एक अंक ढका हुआ था, जिसके बाद गांधी मैदान थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। दूसरा वाहन सभ्यता द्वार के पास पकड़ा गया, जो कुम्हरार के एक शख्स का था। तीसरा और चौथा वाहन गोलघर तिराहे के पास पकड़े गए, जो गोरिया टोली और दीघा घाट आइटीआई हॉस्टल के रहने वाले लोगों के थे। इन सभी ने अपनी नंबर प्लेट के एक अंक को छिपाया था और अब इन पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
सख्ती से निपट रही पुलिस
पटना पुलिस अब सिर्फ चालान काटने तक सीमित नहीं रही है। नंबर प्लेट से छेड़छाड़ जैसे गंभीर मामलों में सीधे कानूनी कार्रवाई की जा रही है। गांधी मैदान थाने सहित शहर के विभिन्न थानों में इन चारों वाहन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और भविष्य में सड़क नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ऑटोमेटिक चालान सिस्टम
पटना ही नहीं, बिहार के कई शहरों में ऑटोमेटिक चालान सिस्टम लागू हो चुका है। सड़क पर लगे हाई-टेक कैमरे ओवरस्पीडिंग, हेलमेट न पहनने, और अब नंबर प्लेट छेड़छाड़ जैसे मामलों को पकड़ रहे हैं। यह सिस्टम ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी कर रहा है। हालांकि, कुछ लोग इस तकनीक को मात देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब यह उनके लिए महंगा साबित हो रहा है।