द फॉलोअप डेस्क
बिहार मे इस साल के अंत मे विधानसभा चुनाव होने को है। इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। हर दी बिहार मे राजनीतिक तूफान उठ रहा है। ऐसे में एक बड़ी जानकारी सामने निकाल कर या रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों मे कराया जा सकता हैं। चुनाव की तारीख तय करते समय दिवाली और छठ जैसे त्योहारों को भी ध्यान मे रखा जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग सितंबर के पहले हफ्ते चुनाव के डेट की घोषणा कर देगी। आयोग ने इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बात दें कि निर्वाचन आयोग ने पिछले बार कोविड महामारी के कारण 25 सितंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की थी, जबकि साल 2015 मे सितंबर 9 तारीख को चुनाव की घोषणा की गई थी। प्रदेश की स्थिति वर्तमान मे सामान्य है। ऐसे में तय समय पर आयोग चुनाव की घोषणा करने की तैयारी में जुटा है। साल 2020 मे बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा था। वहीं इस बार 22 नवंबर को बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए थे। वहीं साल 2015 में हुए चुनाव पांच चरणों में हुए थे।
साल 2020 के पहले चरण में 28 अक्टूबर 2020 को कुल 71 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग कराई गई थी। वहीं दूसरे चरण में 94 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था. 7 नवंबर 2020 को तीसरे और आखिरी चरण में 78 सीटों के लिए वोट डाले गए थे. वहीं वोटों की गिनती 10 नवंबर 2020 को हुई थी। इस बार चुनाव आयोग की टीम विधानसभा चुनाव के लिए जून महीने मे ही बिहार का दौरा करेगी। इस बीच कर्मचारियों को चुनाव आयोग परीक्षण दे रहा है। इसमें बीएलओ को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। आयोग की कोशिश है कि जैसे आरोप हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में मतदाता सूची को लेकर लगे थे, वैसे आरोप बिहार चुनाव मे ना लगे। जानकारी के मौताबिक, चुनाव आयोग मतदाता सूची से डुप्लीकेसी खत्म करने के लिए ऐसे वोटरों से संपर्क करेगा, जिन्होंने अभी तक वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए अपना आधार नंबर नहीं दिया है।
बताया जा रहा कि चुनाव आयोग इस दौरान पता लगाएगा कि अगर आधार से EPIC नंबर को लिंक किया गया है तो इसकी पुष्टि क्यों नहीं की गई? अगर EPIC नंबर लिंक नहीं है तो इसकी वजह जानी जाएगी। इसके लिए वोटरों से बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) अपना संपर्क नंबर शेयर करेंगे। यह सारा काम फर्जी वोटरों को रोकने के लिए किया जाएगा।