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खाकी: द बिहार चैप्टर वाला अशोक महतो जेल से रिहा, ऐसे था काफिला

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द फॉलोअप डेस्क
बिहार के हाईफोफाइल मामलों में शामिल और कुख्यात आरोपी अशोक महतो 17 साल बाद जेल से रिहा हुआ है। अशोक महतो को ले जाने के लिए आज भागलपुर जेल के बाहर सौकड़ों की संख्या में समर्थक पहुंचे। जैसे ही अशोक महतो जेल से बाहर निकले समर्थकों ने उनपर फूलों की बरसात की। अशोक महतो जिंदा बाद के नारेबाजी की। भागलपुर जेल के बाहर गाड़ियों की लंबी कतार देखने को मिली। बताया जा रहा है कि करीब 70 की संख्या में गाड़ी वहां पहुंचा था। शुक्रवार को भागलपुर जेल के बाहर ठीक वैसा ही नजारा दिखा जैसा कभी शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद देखने को मिला था। जानकारी के अनुसार शेखपुर जिला के तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार सोनी पर हुए जानलेवा हमले मामले में अशोक महतो को रिहा किया गया है।

 
इन मामलों में जेल में था बंद
जानकारी हो कि नवादा जेल ब्रेक कांड, शेखपुरा के मनीपुर नरसंहार, विधायक पर बम हमला सहित इसी तरह के कई मामलों में जेल में बंद अशोक महतो पूरे 17 वर्ष के बाद जेल से बाहर निकला। चर्चित घटना 22 अगस्त 2012 को शेखपुरा के तत्कालीन जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी अपनी जायलो कार से शेखपुरा से तीन किमी दूर अपने गांव मुरारपुर जा रहे थे, तभी गांव से बाहर टाटी नदी के पुल के पास भूमि के नीचे प्लांट किया हुआ टिफिन बम फट गया था, जिसमें विधायक तो बाल-बाल बच गए, मगर उनकी जायलो कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस मामले में जांच के बाद अशोक महतो गिरोह का नाम सामने आया था। जिसके बाद उसे अभियुक्त बनाया गया था। इस मामले में आज अशोक महतो को रिहाई मिली। 


 9 जुलाई 2006 को अमित लोढ़ा ने किया था गिरफ्तार
जानकारी हो कि साल 9 जुलाई साल 2006 में शेखपुर के तत्कालीन एसपी अमित लोढ़ा ने अशोक महतो को झारखंड के देवघर के सत्संग कालोनी से पकड़ा था। जिसका जिक्र अमित लोढ़ा  द्वारा लिखी किताब खाकी: द बिहार चैप्टर पर बनी फिल्म में किया गया है। इसमें चंदन महतो की जो भूमिका है उसे अशोक महतो की ही कही जाती है।

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