द फॉलोअप डेस्क, बिहार
बिहार में लगातार गिर रहे पुल मामले में इंजीनियर्स पर गाज गिरी है। इस मामले में नीतीश सरकार ने17 इंजीनियर्स को संस्पेड कर दिया है। इनमें से 11 जल संसाधन विभाग के हैं। वहीं 6 इंजीनियर ग्रामीण विकास विभाग के हैं। गौरतलब है कि बीते 15 दिनों में बिहार में करीब 18 पुल ध्वस्त हो गई। इनमें नए-पुराने और निर्माधीन पुल शामिल हैं। 3 और 4 जुलाई को सीवान और सारण जिले में छाड़ी और गंडकी नदी पर बनी 6 पुलिया ध्वस्त हुई हैं। जिस कारण कई गांवों का लीक टूट गया।
पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने के लिए कदम नहीं उठाए गए
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, चैतन्य प्रसाद 69.89 करोड़ की लागत से इस योजना के तहत 170 किलोमीटर की लंबाई में 19 मीटर चौड़ाई और औसत गहराई 3 मीटर में गाद निकासी का कार्य कराया जा रहा है।मार्च 2025 तक यह योजना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जांच में ये पाया गया कि कार्य के कार्यान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं ने इन नदियों पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने के लिए कदम नहीं उठाया और इसलिए इन इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।
इन पर गिरी गाज
मिली जानकारी के अनुसार जिन 17 इंजीनियर्स को निलंबित किया गया है उनमें 11 इंजीनियर्स जल संसाधन विभाग के हैं। जिनमें दो कार्यपालक अभियंता- अमित आनंद और कुमार बृजेश शामिल हैं। इसके अलावा चार सहायक अभियंता- राजकुमार, चंद्रमोहन झा, सिमरन आनंद और नेहा रानी है। जबकि 5 कनीय अभियंता- मोहम्मद मजीद, रवि कुमार रजनीश, रफी उल होदा अंसारी, रत्नेश गौतम और प्रभात रंजन को सस्पेंड किया गया है।वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के 6 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता-अंजनी कुमार, आशुतोष कुमार रंजन और कनीय अभियंता- वीरेंद्र प्रसाद और मनीष कुमार। इसके अलावा दो और इंजीनियर्स जो पहले से ही निलंबित हैं उनके खिलाफ भी विभागीय जांच की जाएगी।