पटना
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के 100 सरकारी स्कूलों में इस शैक्षणिक सत्र (2024-25) के लिए एक भी बच्चे का नामांकन नहीं हुआ है। जैसे ही यह जानकारी विभागीय पोर्टल पर आई, जांच शुरू कर दी गई है। इन स्कूलों से जुड़े अधिकारियों से भी जवाब मांगा गया है। सबसे ज्यादा ऐसे स्कूल सकरा और मुशहरी प्रखंडों में पाए गए हैं।
पिछले सत्र (2023-24) में इन स्कूलों में 100 से 200 बच्चों के नामांकन दर्ज किए गए थे। लेकिन जब इस साल प्रमोशन का रिकॉर्ड मांगा गया, तो इन स्कूलों से एक भी बच्चे का नाम नहीं मिला। यह लापरवाही है या इन स्कूलों में वास्तव में छात्र थे ही नहीं, इसकी जांच की जा रही है। इस घटना से जिले में हड़कंप मच गया है। इनमें ज्यादातर प्राथमिक और नवप्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाई होती है।
निजी स्कूलों में भी बच्चों की संख्या शून्य
सरकारी ही नहीं, 100 से ज्यादा निजी स्कूलों में भी इस साल बच्चों की संख्या शून्य है। पिछले साल जिन निजी स्कूलों में 500 तक छात्र थे, वहां से भी इस बार कोई प्रमोशन रिकॉर्ड जमा नहीं किया गया है।
सबसे ज्यादा मामले सकरा और मुशहरी में यू-डायस पोर्टल पर सभी स्कूलों को नए बच्चों के साथ पिछले सत्र के बच्चों का प्रमोशन रिकॉर्ड देना था। लेकिन इस रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। सकरा और मुशहरी प्रखंडों में सबसे ज्यादा ऐसे स्कूल मिले हैं, जहां कोई छात्र नहीं दिखाया गया है।
जांच के आदेश जारी
औराई के पांच स्कूलों में पिछले साल 59 से 788 तक छात्र थे, लेकिन इस साल एक भी बच्चे का नाम नहीं है। सकरा के 15 और मुशहरी के 18 स्कूलों में भी यही हाल है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अजय कुमार सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों की भौतिक जांच की जा रही है। जल्द ही सच का पता लगाया जाएगा।