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अभियान : सकारात्मक रणनीति बनाते हुए यूक्रेन से छात्रों की वापसी सुनिश्चित करे सरकार: कांग्रेस

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रांची:

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया विभाग ने गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्पीक अप फॉर आवर स्टूडेंट्स कैंपेन चलाया। रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण भारत से मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने गए हुए हजारों की संख्या में छात्र वहां फंसे हुए हैं। एक छात्र नवीन शेखर अप्पा की मौत भी हो गई है। दिवंगत छात्र को श्रद्धांजलि दी गई। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, संगठन प्रभारी रविंद्र सिंह, , प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजिनी, आभा सिन्हा, ईश्वर आनन्द, डॉ तौसीफ , कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, कुमार राजा, और जिला अध्यक्ष गण आदि ने स्पीक अप फॉर आवर स्टूडेंट्स कैंप्फेन में भाग लिया।

 

कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि एक सकारात्मक रणनीति बनाते हुए यूक्रेन के आसपास के देशों से आग्रह करते हुए छात्रों की वापसी सुनिश्चित की जाए। जो छात्र वहां फंसे हुए हैं वह मिडिल क्लास के छात्र हैं जो प्रतिभा होते हुए भी एमबीबीएस की पढ़ाई अपने देश में नहीं कर पाते हैं और उसके लिए उन्हें यूक्रेन जाना पड़ता है। हजारों की संख्या में छात्र भारतीय एंबेसी के सामने लाइन लगाकर खड़े हैं। वहां का सामान्य तापमान -1 डिग्री से -10 डिग्री तक है। छात्रों के साथ वहां अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, लाठीचार्ज हो रहा है और अंततः एक छात्र की गोली लगने से जान जा चुकी है। केंद्र सरकार से पुनः आग्रह करते हैं कि वह सभी छात्रों की सकुशल वापसी की प्रक्रिया तेज करें जिससे छात्रों के जीवन को बचाया जा सके। सरकार की उदासीनता किसी घर के चिराग को हमेशा के लिए बुझा सकता है और परिवार को बर्बाद कर सकता है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए यथाशीघ्र इन छात्रों की वापसी सुनिश्चित करें। यूक्रेन में आपातकाल घोषित है सभी देश अपने छात्रों एवं नागरिकों को 15 से 20 दिन पूर्व ही यूक्रेन से सकुशल वापस ले जा चुके हैं यूक्रेन से वापस लौटने पर केंद्रीय मंत्री एयरपोर्ट पर पहुंच कर उनका स्वागत कर रहे हैं और यहां की मीडिया प्रधानमंत्री माननीय श्री मोदी जी के गुणगान में लगी हुई है लेकिन महज हजार बारह सौ छात्रों को वापस लाकर पीठ थपथपाना किसी भी हिसाब से सराहनीय नहीं है, बेहद असंवेदनशील है अभी वास्तविक कार्य करने की आवश्यकता है प्रजातंत्र के माध्यम से छात्रों की सकुशल वापसी संभव नहीं है हम अनुरोध करते हैं कि छात्रों को सकुशल वापस लाएं। केवल भारतीय छात्र की वहां फंसे हुए हैं। जिन को वापस लाना केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है और इस जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता। आज छात्र उम्मीद भरी निगाहों से केन्द सरकार से गुहार भी लगा रहे हैं। अतः माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि कृपया संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सभी छात्रों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित करें।