द फॉलोअप डेस्क
झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां शिक्षकों के प्रमोशन का आधार अब उनके असेसमेंट को बनाया गया है। राज्य के शिक्षकों के प्रशिक्षण की जरूरतों का पता लगाने के लिए 'टीचर नीड असेसमेंट' (TNA) परीक्षा कराई गई थी, जिसके नतीजे अब जारी कर दिए गए हैं। परीक्षा में कुल 1.10 लाख शिक्षक शामिल हुए थे।
200 अंकों की इस परीक्षा में शिक्षकों के विषय ज्ञान के साथ-साथ उनकी मूल्यांकन क्षमता, सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेजी और हिंदी से संबंधित सवाल पूछे गए थे।
इस परीक्षा में न तो पास-फेल का कोई प्रावधान था और न ही किसी प्रकार की कट-ऑफ तय की गई थी। परीक्षा का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति और प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों की पहचान करना था।
परीक्षा में चौंकाने वाली बात यह रही कि सिर्फ 0.1% शिक्षक यानी 106 ही ऐसे थे जिन्हें 75% से अधिक अंक प्राप्त हुए। वहीं 6% शिक्षक ऐसे भी रहे जिन्हें 25% से भी कम अंक मिले। लगभग 80% शिक्षकों को अधिकतम 50% अंक ही मिल सके। 13% शिक्षकों को 51 से 75% अंक प्राप्त हुए।अब इन परिणामों के आधार पर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जाएगा और उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी। राज्य सरकार ने साफ किया है कि भविष्य में शिक्षकों का प्रमोशन भी इस असेसमेंट से जुड़े प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने भी इस पहल की सराहना की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठक में झारखंड सरकार की इस नीति की तारीफ की गई थी।
परीक्षा में जिला स्तर पर धनबाद के शिक्षकों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, जहां औसतन 48% अंक मिले। वहीं लातेहार जिले के शिक्षकों का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा, जिनका औसत स्कोर 36 से 38 फीसदी के बीच रहा।
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षकों के लिए इस परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य था।