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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 : लॉन बॉल इवेंट में भारतीय महिलाओं ने रचा इतिहास, जीता गोल्ड

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डेस्क: 
कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 के लॉन बॉल इवेंट में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया। टीम इंडिया ने दक्षिण-अफ्रीकैा को हराकर गोल्ड जीता। गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जबकि भारत ने इस इवेंट में कोई मेडल जीता हो। 92 साल बाद जब टीम ने पदक जीता तो वो भी सीधा गोल्ड। गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम में लवली चौबे, पिंकी, नयानमोनी साइकिया, रूपा रानी तिर्की शामिल थीं। इनमें से रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे झारखंड की रहने वाली हैं। 

 

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिलचस्प था मुकाबला
बता दें कि खिताबी मुकाबले में भारत ने 1-0 की लीड हासिल की थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने वापसी की और अंतर 2-1 के बन गया। मैच बढ़ता गया और दिलचस्प भी होता गया। गौरतलब है कि टीम इंडिया ने इस इवेंट के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 के अंतर से हराया था। कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल इवेंट की शुरुआत 1930 में किाय गया था। 1966  के कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल को शामिल नहीं किया गया था। 

इंग्लैंड के पास इवेंट में सर्वाधिक गोल्ड का रिकॉर्ड
लॉन बॉल इवेंट में सबसे ज्यादा गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के पास है। इंग्लैंड ने 21 बार गोल्ड जीता। स्कॉटलैंड 20 गोल्ड मेडल के साथ दूसरे स्थान पर है। गौरतलब है कि टीम इंडिया ने पहली बार इस इवेटं में पदक जीता और वो स्वर्ण पदक है। 

झारखंड की 2 खिलाड़ियों का जीत में अहम योगदान
गौरतलब है कि टीम में शामिल लवली चौबे झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं, वहीं रूपा रानी तिर्की खेल विभाग में काम करती हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला जीतने के बाद लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की ने कहा था कि हमलोग जीत के प्रति आश्वस्त थे। हमें भरोसा हो गया है कि हम लोग गोल्ड भी जीत सकते हैं। खिलाड़ियों ने ये भी बताया था कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग स्टाफ की मदद के अपने बूते ये कामयाबी पाई है। बताया कि 2018 तक उनके पास कोच हुआ करते थे लेकिन कोवि़ड महामारी के बाद फेडरेशन के पास फंड की कमी हो गई और कोच नहीं मिल सका।