डेस्क:
बैंकाक में चल रही थॅामस कप प्रतियोगिता में भारतीय पुरूष बैंडमिंटन टीम ने इतिहास रचा है। टीम डेनमार्क को 3-2 से हाराने के बाद पहली बार टीम थॅामस कप के खिताबी मुकाबले में पहुंची है। थॉमस कप का आयोजन 1949 से हो रहा है। मतलब 73 में पहली बार बार थॉमस कप का खिताबी मुकाबला खेलेगी टीम । यह फाइनल मुकाबला भारत रविवार को इंडोनेशिया से खेलेगा।
जीत के बादशाह एचएस प्रणय
बता दें कि भारतीय टीम की जीत के हीरो एचएस प्रणय रहे, जिन्होंने निर्णायक मुकाबले में रास्मस गेमको को मात दी। दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी गेमके के खिलाफ प्रणय कोर्ट पर फिसलने के कारण चोटिल भी हो गए थे। लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने 'मेडिकल टाइमआउट' लेने के बाद मुकाबला जारी रखा। प्रणय कोर्ट पर दर्द में दिख रहे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 13-21 21-9 21-12 से जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। डेनमार्क के खिलाफ पहले मुकाबले में विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन अपने हालिया प्रदर्शन का बरकरार नहीं रख सके। सेन को विक्टर एक्सेलसेन के हाथों 13-21 13-21 से हार का सामना करना पड़ा, जिससे डेनमार्क ने 1-0 की बढ़त ले ली। इसके बाद सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मुकाबले में जीत हासिल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. भारतीय जोड़ी ने किम अस्ट्रूप और माथियास क्रिस्टियनसेन को 21-18 21-23 22-20 से मात दी।
वापसी करते हुए एचएस प्रणय ने टीम को दीलाई जीत
हालांकि, कृष्णा प्रसाद गारागा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की युगल जोड़ी को एंडर्स स्कारूप रास्मुसेन और फ्रेडरिक सोगार्ड से 14-21 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। इससे दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं। फिर अनुभवी खिलाड़ी एचएस प्रणय ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी।