द फॉलोअप टीम, रांची:
पाकिस्तान-भारत की जंग। 1965 का साल। क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद घर आए हुए थे। जैसे ही जंग की सूचना मिली, उनकी देशभक्ति का जज्बा उबाल मारने लगा। उनकी पत्नी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो हमीद ने मुस्कराते हुए कहा था, देश के लिए जाना ही होगा। और वो सीमा पर पहुंचे, दुश्मन देश की सेना के दांत खट्टे करने लगे। पाकिस्तान के कई टैंक नष्ट किए। इसी बीच वो दुश्मान के टैंक की नजर में आ गए। दोनों ने एक-दूसरे पर एक साथ फायर किया। पाकिस्तानी टैंक के साथ अब्दुल हमीद की जीप के भी परखच्चे उड़ गए। और वतन के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत ही साधारण किसान का लाडला शहीद हो गया। लेकिन उनकी जयंती आज झारखंड की राजधानी रांची में युवाओं ने मनाई।
राष्ट्रीय युवा शक्ति ने मनाई जयंती
उत्तम यादव की अगुवाई में राष्ट्रीय युवा शक्ति ने कांटा टोली चौक पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। दीये जलाए गए। मौके पर सुनील कुमार साहू, नितेश वर्मा, राहुल गुप्ता, प्रभु लाल पटेल, सुप्रिया सिंह, बेबी गाड़ी, निक्की कुमारी, अमन गुप्ता, सूरज नायक, मुन्ना भाई, शीतल वर्मा सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे l
शहीद हमीद के नाम से ही उभर आता है जोश: उत्तम यादव
उत्तम यादव ने कहा कि हवलदार अब्दुल हमीद नाम से युवाओं में जोश उत्पन्न हो जाता है। पाकिस्तानी टैंक उड़ा कर खुद वीरगति प्राप्त हुए थे। ऐसे भी योद्धा की जयंती या फिर शहादत दिवस पर राष्ट्रीय युवा शक्ति पिछले 5 वर्षों से दीप प्रज्वलित कर शारदा सुमन करती हैl कहा कि कांटा टोली फ्लाईओवर बनाने के नाम पर पूरा कांटा टोली आसपास बर्बाद हो चुका है। शहीद का अपमान किया जा रहा है। ऐसे लोगों पर करवाई होनी चाहिए l राष्ट्रीय युवा शक्ति मांग करती है सम्मान पूर्वक शहीद को सम्मान देना चाहिए l