द फॉलोअप टीम ,
लखनऊ में एक लड़की के द्वारा कैब ड्राइवर पर झूठे आरोप लगाने पर पुलिस ने शुरुआत में लड़की को तो क्लीन चिट दे दी परन्तु CCTV के खुलासे के बाद वापस लड़की के खिलाफ ही मामला दर्ज किया गया।
क्या है मामला
लखनऊ का एक वीडियो पिछले तीन दिनों से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में एक लड़की कैब ड्राइवर को थप्पड़ जड़ती नजर आ रही है। यही नहीं, मामले को सुलझाने के लिए बीच में आये एक युवक को भी कॉलर से पकड़कर उसने थप्पड़ जड़े। कैब ड्राइवर का मोबाइल भी पटककर तोड़ दिया। पहली बार वीडियो देखने में लगा कि गलती शायद कैब ड्राइवर की रही होगी। मगर सोमवार को सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर पता चला कि कहानी तो कुछ और ही है। फुटेज से पता चला कि लड़की ग्रीन सिगनल होने के बावजूद ट्रैफिक के बीच सड़क पार कर रही थी। कई गाड़ियों से टकराते बची और वैगनआर के सामने आकर खड़ी हो गई। कैब ड्राइवर के गाड़ी से बाहर निकलने पर ड्राइवर की पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद एक-एक कर सारी परतें खुलने लगीं।
Not defending the girl here but the level of support this guy gets isn't acceptable either. Yes, he stopped the car at the right time, but what if he didn't. It's a red signal, look at the way he and others are jumping the signal. He was speeding too. Don't support either. https://t.co/MORiOdh3lU
— Rajeesh Nair ???????? (@iRajeeshNair) August 2, 2021
हैशटैग #ArrestLucknowGir हो रहा ट्रेंड
सोमवार को सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर लोगों ने गुस्सा निकाला। ट्विटर पर हैशटैग #ArrestLucknowGirl ट्रेंड होने लगा। इस हैशटैग पर अब तक करीब 2 लाख ट्वीट से ज्यादा हो चुके हैं। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी ट्वीट कर आरोपी लड़की पर ऐक्शन लेने की मांग की। सोशल मीडिया पर बने दबाव का असर हुआ और शाम होते-होते प्रियदर्शिनी यादव के खिलाफ लूट और तोड़फोड़ की धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
पीड़ित ने लालबत्ती होते ही गाड़ी रोक दी थी
पीड़ित ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि मैंने लाल बत्ती होने पर जेब्रा क्रॉसिंग के पहले ही कार रोक दी थी। तभी प्रियदर्शिनी पास आईं और हमलावर हो गई। लड़की ने कार का साइड वाला मिरर भी तोड़ दिया और गाड़ी में रखे छह सौ रुपये छीन लिए। करीब 10 मिनट तक युवती ने सआदत पर लगातार हमला किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रियदर्शिनी पर कोई कार्रवाई करने के बजाय सआदत को लॉकअप में बंद कर दिया। प्रियदर्शिनी को वॉर्निंग देकर जाने दिया। देर रात सआदत के भाई इनायत अली और दाऊद कोतवाली पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें भी लॉकअप में डाल दिया। हैरानी की बात है कि इस मनमानी के बावजूद किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।