द फॉलोअप टीम, रांची:
आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा में उड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए एक दूसरे से टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर नही होता इसलिए बिजली धरती पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है जिससे नुकसान पहुंचता है। जान माल की क्षति होती है। आइए जानते है वज्रपात के दौरान हमें कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए।
-बिजली मैकेनिक से कहकर घर में तडि़त आघात का एंटीना लगवाना चाहिए जो घर मे अर्थिंग का काम करती है।
-आंधी आते ही टीवी, रेडियो, कंप्यूटर सभी का मोडेम और पॉवर प्लग निकाल देना चाहिए।
-इलेक्ट्रिक अप्लाएंसेस को ऑफ कर देना चाहिए। इस दौरान मोबाइल यूज करने से बचें।
-इस दौरान नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े नही होना चाहिए।
-बिजली उपकरणों से दूर रहें। बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि से दूर रहे।
-पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें। खुले मैदान में होने पर किसी बिल्डिंग में छिपने की कोशिश करें।
-गीले कपड़ों की वजह से व्रजपात का असर कम हो जाता है।
आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। बिजली मिली सेंकड से कम समय के लिए ठहरती है। यदि बिजली किसी व्यक्ति पर गिरती है तो सबसे ज्यादा असर उसके सिर, कंधे और गले पर होता है। बिजली गिरने की सबसे अधिक संभावना दोपहर के वक्त होती है।
सिर के बाल खड़े हो जाएं तो समझिए बिजली गिरेगी
-यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं व त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे झुककर कान बंद कर लें। क्योंकि यह इस बात का सूचक है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
-बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
-तालाब और जलाशयों से दूर रहें यदि आप पानी के भीतर हैं, अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं ।