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अज्ञात बीमारी से असमय काल की गाल में समा रहे बच्चे, 1 ANM के भरोसे दर्जनों गांव की चिकित्सा

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द फॉलोअप टीम, पश्चिम सिंहभूम:

पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल स्थित छोटानागरा पंचायत के अलग-अलग गांव में बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौ'त हो जा रही है। एक सप्ताह के अंदर 3 बच्चों की मौ'त हो गयी है लेकिन इसकी वजह फिलहाल स्पष्ट नही है। बच्चों की मौ'त से ग्रामीणों में डर बढ़ता जा रहा है। सारंडा के हेंदेबुरु के पूर्व जिला परिषद सदस्य बामिया माझी ने बताया की पिछले कुछ दिनों से मलेरिया, बुखार, सर्दी, खांसी का प्रकोप बढा़ हुआ है जिसकी चपेट में ग्रामीण आ गये हैं। सारंडा क्षेत्र में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं है इसलिए बच्चों की मौ'त हो रही है। 

एएनएम के भरोसे चिकित्सा व्यवस्था
बामिया माझी ने बताया कि छोटानागरा में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनकर तैयार है लेकिन आज तक उसे शुरू नही किया गया। पुराने डॉक्टर डॉ. उत्पल मुर्मू को हटाकर एक नया आयुष डॉक्टर को रखा गया है लेकिन वो सप्ताह में 2-3 दिन ही आते हैं। एएनएम के भरोसे दर्जनों गांव की चिकित्सा व्यवस्था चल रही है। 

गांव में जांच की भी सुविधा नहीं
बताया जा रहा है कि खू*न आदि जांच की कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण ग्रामीण झोला-छाप डॉक्टर के भरोसे इलाज कराने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग जल्द छोटानागरा क्षेत्र में एक टीम भेजकर बीमार लोगों का इलाज कराये एवं इस बात का खुलासा हो कि आखिर 3 बच्चों की मौत कैसे हुई। लोग आक्रोशित भी हैं। 

इन बच्चों की मौ'त हुई है
अज्ञात बीमारी से राकड़बुरु टोला निवासी माटू चाम्पिया की चार वर्षीय बेटी की मौ'त 27 अक्तूबर को  हुई , जोजोपी गांव निवासी भानू चेरोवा की चार वर्षीय बेटी की मौ'त 31 अक्तूबर को और हेंदेबुरु गांव निवासी देवेन सुरीन की दस माह की बेटी की मौ'त 3 नवंबर को हुई।