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कोरोना की दूसरी लहर धीमी लेकिन 8 राज्यों में संक्रमण की दर ने बढ़ाई चिंता, डेल्टा-प्लस वैरिएंट से खतरा

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 


कोरोना की दूसरी लहर भले ही थमने लगी है। भले ही कोरोना के मामले कम होने लगे हों लेकिन खतरा टला नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट है कि देश के174 जिलों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट मिला है। इनमें भी कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। कहा जा रहा है कि वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना वायरस और ज्यादा खतरनाक साबित होता जा रहा है। ये काफी चिंताजनक बात साबित हो रही है। 

आठ राज्यों में संक्रमण की दर बनी चिंता
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आठ राज्यों में संक्रमण की दर चिंताजनक बनी हुई है। केंद्र सरकार ने इन राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोरोना के खिलाफ ढील नहीं देनी है। केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि मामले में तेज एक्शन लिए जाने की आवश्यक्ता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इन 8 राज्यों को खत लिखा है। राज्यों से अपील की गई है कि कोरोना के खिलाफ ना केवल एक्शन तेज किया जाए बल्कि संबंधित जानकारी भी केंद्र के साथ साझा की जाये। बता दें कि अरूणांचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, असम, मेघालय, ओड़िशा, त्रिपुरा और सिक्किम में संक्रमण की दर काफी ज्यादा है। यहां तेजी से हालत सुधारने होंगे अन्यथा मुश्किल होगी। 

उत्तरी-पूर्वी राज्यों में संक्रमण की दर ज्यादा
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर कहा गया था कि इसका प्रभाव पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर ज्यादा है। अब हालात ऐसे हैं कि इसकी शिफ्टिंग उत्तर-पूर्वी राज्यों की तरफ ज्यादा होती जा रही है। उत्तर-पूर्वी राज्यों को सचेत रहने को कहा गया है। देश में ऑक्सीजन की सप्लाई कर सराहना बटोरने वाले देश ओड़िशा में भी संक्रमण दर ज्यादा है। केरल में भी कोरोना की रफ्तार काफी तेज बनी हुई है। महाराष्ट्र और केरल में भी स्थिति चिंताजनक है। 

देश में जल्दी दस्तक दे सकती है तीसरी लहर
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में जल्दी ही कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर अगस्त महीने में दस्तक दे सकती है। कहा जा रहा है कि सितंबर में कोरोना महामारी की तीसरी लहर पीक पर होगी। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर, दूसरी लहर के मुकाबले ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। दूसरी लहर में अधिकतम चार लाख तक मामले सामने आये थे। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव होगा। इसकी तैयारी भी जरूरी है।