द फॉलोअप टीम, रांची:
कहते हैं भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से ही हर संकट पल भर में कट जाता है। लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले में महाकाल के नाम से लोगों की सांस- फुलने लगती हैं। आम आदमी तो आम आदमी पुलिस के भी पसीने छिटने लगते हैं। इस खबर में जानेंगे कि यह महाकाल क्या है। क्यों महाकाल के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए की राज्यों की पुलिस हमेशा से इन क्षेत्रों में डेरा डाले रहती है। आखिर पिछले दो सालों में ऐसा क्या हुआ जो महाकाल हर की जुबां पर कायम हो गया।
साइबर अपराधियों का गिरोह है महाकाल
जामताड़ा के बाद हजारीबाग जिला का बरकट्ठा भी साइबर क्राइम का बड़ा अड्डा बनता जा रहा है। यहां साइबर क्राइम करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन साइबर अपराधियों ने ठगी का नायाब तरीका निकाला है। लड़कियों की अश्लील तस्वीरें भेजकर ये लोग ठगी करते हैं। स्कॉका ऑक्युलेट और एसकेओकेकेए- ओकेएयूटीइ वेबसाइट के माध्यम से कई लोगों से संपर्क कर लड़कियों की अश्लील तस्वीरें भेजते हैं, फिर एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर लोगों से पैसे की ठगी करते हैं। इस गिरोह में 16 साल से लेकर 25 साल तक के बच्चे काफी सक्रिय हैं, इतना हीं नहीं इस गिरोह में इनका साथ कुछ लड़कियां भी देती हैं, लेकिन हैरत की बात ये है कि पुलिस ने अबतक किसी भी लड़की या महिला को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
बरकट्ठा और गोरहर थाना क्षेत्र में सक्रिय है गिरोह
2017 से बाद से इस क्षेत्र में महाराष्ट्र से काम कर लौटे युवाओं ने कभी फिर बाहर का रुख नहीं किया। गांव के एक सज्जन बताते हैं कि कुछ युवा महाराष्ट्र में नौकरी की तालाश में गये थे, लेकिन कुछ साल काम करने के बाद जब वहां से लौटे तो इस एस्कॉर्ट सर्विस का संचालन अपने गांव से करने लगे। कुछ सालों में वे गांव में हीं रह कर करोड़ो रूपये का घर, गाड़ी, बंगला सब कुछ खरीद लिया और फिर अपने साथ कुछ और युवाओं को जोड़कर इस काम को बढ़ाया। बिना मेहनत के पैसे की लालच ने हजारों युवाओं को इस धंधे ने अपनी ओर खींचा, गिरोह बढ़ता गया और फिर एक के बाद एक गिरोह बनता गया। कई लोग इन गिरोह का शिकार हुए, कई राज्यों की पुलिस इनकी तालाश में यहां आती है, लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के कारण यहां गंदा धंधा फल-फुल रहा है। अब तो हालात ये है कि इस गिरोह के सदस्यों ने राजधानी रांची और हजारीबाग के साथ साथ कोलकाता में भी प्रोपर्टी खड़ा कर लिया है। दिखावे के लिए पुलिस कभी-कभी इन गिरोह के लोगों को पकड़ कर जेल भेज देती है, लेकिन अब तक इस गिरोह को जड़ से समाप्त करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई।
कहां फल-फुल रहा है सेक्सटॉर्शन
कई website पर फर्जी आईडी बनाकर सर्विस प्रोवाइड करने के नाम पर लोगों से ठगी का काम करने वाले अपराधी इतने शातिर हैं कि इनतक पहुंचना पुलिस के लिए भी टेड़ी खीर है। सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो कॉल कर वीडियो बना लिया जाता है फिर उसे ब्लैकमेल कर पैसे वसूले जाते हैं। इस तरह के साइबर क्राइम को सेक्सटॉर्शन का नाम दिया गया है। सेक्सटॉर्शन यानी सेक्स संबंधी वीडियो चैट के जरिए पैसे वसूल करना। इस तरह के मामले की शिकार बच्चे सबसे ज्यादा होते हैं, क्योंकि वो घबराकर इन अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं, उन्हें डर होता है कि सच्चाई किसी के सामने ना आ जाए। पहले ये स्कॉट सिर्विस के नाम पर लड़कियों की तस्वीर भेजते हैं, ग्राहक कोई संतुष्ट करने के लिए उनसे फोन पर बात या विडियो कॉल करवाते हैं, फिर पैसा का लेन देन का काम शुरू होता है। एजेंसी सोशल नेटवर्किंग के जरिए अपने ग्राहक को उनकी मनपसंद एस्कॉर्ट से मिलवाने का गोरखधंधा करती है।
कौन है किशोर साहू
ऐसे ही एक गिरोह का किशोर साहू मास्टमाइंड माना जाता है। बताया जाता है कि इसके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। कई शहरों में मकान और बैंक बैलेंस है। हजारीबाग पुलिस ईडी के संपर्क में है ताकि साइबर अपराधियों का प्रॉपर्टी अटैच किया जा सके। इन साइबर अपराधियों का गिरोह खुद को महाकाल कहते हैं। गलत धंधे के जरीये इतना पैसा इन लोगों के पास पहुंच गया है कि अब ये लोग किसी से भी सिर्फ इस बात पर उलझ जाते हैं कि ये अमीर हैं और पैसे से ये कुछ भी कभी भी करवा सकते हैं।
इन पंचायतों का नाम हो रहा खराब
महाकाल का प्रकोप तो अब धीरे- धीरे पूरे हजारीबाग जिले में हो चुका है। लेकिन बरकट्ठा और गोरहर थाना क्षेत्र में ऐसे कई गांव हैं जहां के अधिक युवा इस गंदा धंधा को अपना चुके हैं। शिलाडीह, बेलकप्पी, तुइयों , बडासिंघा, सलैया, गंगपाचो और कपका पंचायतों के युवाओं पर पुलिस की पैनी नजर है। कहा ये भी जा रहा है कि इस बार ये महाकाल पंचायत चुनाव में अपना मुखिया प्रत्याशी दे रहें हैं, या फिर कई मुखिया पद के उम्मीदवारों को चुनावी खर्च उठाने का वादा किया है। ताकि गांव की सरकार में इनकी पकड़ और मजबूत हो जाये।