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शिक्षा विभाग की नई पहल: 18 लाख छात्रों का लर्निंग लॉस होगा दूर, हर माह होगा 2 मूल्यांकन

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड में बीते दिनों आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक के बाद सरकार ने 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोलने की मंजूरी दी थी। 6 अगस्त से राज्य में स्कूल खुले भी। गौरतलब है कि इससे पहले तक कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की पढ़ाई वर्चुअल माध्यम से हो रही थी।  इसका सीधा प्रभाव स्टूडेंट्स पर पड़ रहा था।   छात्रों के स्कूल नहीं जाने से लर्निंग लॉस  की समस्या बनी।

स्कूली शिक्षा विभाग ने तैयार की रणनीति
स्कूलों द्वारा महसूस की गई इस चुनौती से लड़ने की तैयारी स्कूली शिक्षा एंव साक्षरता विभाग ने रणनीति तैयार कर ली है। इसके तहत शिक्षक छात्र-छात्राओं की समस्या से रूबरू होंगे। बच्चों को वो सहूलियत महसूस करवाएंगे जिससे वे अपनी पढ़ाई पहले की तरह सामान्य तरीके से कर पाएं। गौरतलब है कि अब छात्रों हर माह पढ़ाए गए विषय की परीक्षा ली जाएगी। 

स्कूलों में ऐसे हो रही है छात्रों की पढ़ाई
मिली जानकारी के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई स्कूलों में 4 घंटे हो रही है। 2 घंटे तक टीचर्स का लेक्चर होता है। बाकी के 2 घंटों में विद्यार्थी अपनी लर्निंग लॉस को ठीक करने के लिए बीते हुए क्लास की पढ़ाई करते हैं। इस प्रकार उनकी समस्या का समाधान आसान तरीके से हो जाता है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार थमते ही स्कूल खुलने लगे है, लेकिन फिलहाल 50 फीसदी या उससे कम ही बच्चे स्कूल आ रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि छात्रों और उनके अभिभावकों में कोरोना को लेकर कितना डर है। कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। 

 

प्रत्येक माह छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा
झारखंड में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तय किया है कि प्रत्येक माह छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए जेसीईआरटी द्वारा ऑनलाइन प्रश्न उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन प्रश्नों का जवाब लिखकर सब्मिट करना होगा। इसमें जो भी अंक छात्रों को मिलेगा, स्कूली शिक्षा विभाग का निर्देश है कि शिक्षक अपने विषय में सभी छात्रों का मार्क्स सुरक्षित रखेंगे। मार्क्स ई-विद्यावाहिनी एप्प पर अपलोड किया जाएगा। अंक अपलोड करने की जिम्मेदारी टीचर्स की होगी।