द फॉलोअप टीम, दिल्लीः
भारतीय ट्रेन में सुविधाओं के अनुसार उसका किराया होता है। क्योंकि हमारे देश में हर तरह की ट्रेन चलती है। हर ट्रेन का कुछ ना कुछ भाड़ा आपको देना ही होता है। लेकिन एक ऐसी ट्रेन है, जिसमें आप फ्री में सफ़र कर सकते हैं। उसमें कोई किराया नहीं लगता। आइए इस खास ट्रेन के बारे में जानते हैं.। यह ट्रेन हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बॉर्डर पर चलती है। भाखड़ा नागल बांध देखने जाते हैं, तो आप फ्री में इस ट्रेन में यात्रा कर सकते हैं। ट्रेन नागल से भाखड़ा बांध तक चलती है। इस ट्रेन से 25 गांवों के लोग पिछले करीब 73 साल से फ्री में सफर कर रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कि रेलवे फ्री में सफर करने की इजाजत कैसे देता है?
क्यों फ्री में कराया जाता है सफ़र
दरअसल इस ट्रेन को फ्री में इसलिए चलाया जाता है ताकि भागड़ा डैम की जानकारी लोगों को दी जा सके। देश की भावी पीढ़ी को यह मालूम हो सके कि देश का सबसे बड़ा भाखड़ा डैम कैसे बना था। सबको पता चल सके कि इस डैम को बनाने में किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) इस ट्रेन का संचालन करता है। शुरुआत में इस रेलवे ट्रैक को बनाने के लिए पहाड़ों को काटकर दुर्गम रास्ता बनाया गया था, जिससे यहां निर्माण साम्रगी पहुंच सके। पहली बार इसे साल 1949 में चलाया गया था। इस ट्रेन के जरिए 300 लोग सफर करते हैं। इस सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होता है। ट्रेन दिन में दो बार सफर तय करती है। ट्रेन के सभी कोच लकड़ी के बने हैं। इसमें न तो कोई हॉकर और न ही आपको टीटीई मिलेगा।
25 गांव के लोगो का एकमात्र सहारा
इस ट्रेन में एक दिन में 50 लीटर डीजल की खपत होती है। एक बार इसका इंजन स्टार्ट हो जाता है तो भाखड़ा से वापिस आने के बाद ही बंद होता है। बैठने के लिए भी लकड़ी के ही बेंच हैं। यह ट्रेन 25 गांव के लोगों के यहां आने जाने का एक मात्र साधन है। सुबह 7:05 पर ये ट्रेन नंगल से चलती है और लगभग 8:20 पर भाखड़ा से वापस नंगल की ओर आती है। दोपहर में 3:05 पर ये नंगल से चलती है और शाम 4:20 पर ये भाखड़ा डैम से वापस नंगल को आती है। जब ट्रेन को शुरू किया गया था तब इसमें 10 बोगीयां थीं, लेकिन अब इसमें केवल 3 ही बोगीयां हैं। एक डिब्बा पर्यटकों के लिए और एक महिलाओं के लिए आरक्षित है।