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झारखंड के दर्द की दवा दिल्ली में खोज रहे हैं कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्ष

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द फॉलोअप टीम, रांची:
देश की सबसे पुरानी पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हालांकि झारखंड कांग्रेस अबतक के सबसे बेहतर प्रदर्शन के मोड में है। लेकिन पार्टी में किच-किच और तू- तू मैं-मैं अपने चरम पर है। हाल के दिनों में प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के सामने जो घटनाएं घटी हैं, उसकी चर्चा पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह हो रही है। जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिल रही हैं। 

दिल्ली में हैं पार्टी के तीन कार्यकारी अध्यक्ष
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के अलावा पांच कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इन पांच में तीन कार्यकारी अध्यक्ष इस वक्त दिल्ली दरबार में हाजरी लगा रहे हैं। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह के पास तीनों ने अपनी हाजरी लगाई है। मानस सिन्हा, राजेश ठाकुर और संजय लाल पासवान दिल्ली में टिके हुए हैं। ये माना जा रहा है कि अब जब बंगाल चुनाव की घोषणा हो चुकी है, तो पार्टी के अंदर कुछ बड़ी फेरबदल होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर इस दौरे को सामान्य बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। पार्टी के अंदर हुई हालांकि घटना को भी वे छोटी बात कह कर टाल देते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी का अलग-अलग दिख रहा गुट
झारखंड कांग्रेस में इन दिनों कौन कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष तो कौन प्रदेश प्रभारी के करीब है, इसको लेकर चर्चा तेज है। इन तीनों कार्यकारी अध्यक्ष को प्रदेश प्रभारी का करीबी बताया जाता है। हालांकि इन दिनों जिस तरह से गिरिडीह और रांची में प्रदेश अध्यक्ष के सामने कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये। उसके बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई ना होना, अपने आप में कई सवाल खड़ा कर रहा है। अनुशासन हीनता को जीवंत पार्टी के परदे से ढंकने का प्रयास किस हद तक सही है, ये कहना मुश्किल है। फिर भी ये माना जा रहा है कि ये तीन कार्यकारी अध्यक्ष इन सारे मुददों से प्रभारी को अवगत कराने गए हैं।