द फॉलोअप टीम, रांची :
कोरोना काल में बेड और दवा के आलावा मानसिक तनाव भी बड़ी समस्या रही है। कोरोना होने पर क्या करें, क्या न करें, किस तरह अकेले रहते हुए खयाल रखें और कौन सी दवाइयां लें जैसे सवाल लोगों को परेशान कर रहे थे। इसके लिए डाल्टनगंज में 12 डॉक्टरों की टीम सक्रिय थी, जो लोगों की फ्री ऑनलाइन मेडिकल काउंसलिंग कर रही थी। बंगलेरु के आदि चुनचुन गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के 12 डॉक्टरों ने ऑनलाइन माध्यमों से डेढ़ महीने में लगभग पांच हजार लोगों को ऑनलाइन सलाह दिया। इसमें दवा के साथ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अन्य परामर्श दिये गए।
डॉ. अभिषेक के नेतृत्व में चला अभियान
लोगों को मदद करने की यह मुहिम अप्रैल महीने में शुरू हुई थी। इसका नेतृत्व डॉ. अभिषेक कर रहे थे। उन्होंने द फॉलोअप को बताया कि कोविड के दौरान लोग अकेले रहने को मजबूर थे। ऐसे में उन्हें दवा और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां नहीं मिल पा रही थी। डॉ. अभिषेक के साथ इमसें डॉ. अकरम, डॉ. आकांक्षा, डॉ. प्रीति, डॉ. स्नेहल, डॉ. हिमांशु, डॉ. मैत्री, डॉ. मंसु, डॉ. रवि के साथ प्रोफेसर मनोज और अरविंद प्रताप ने लोगों की सेवा में समय दिया। डॉक्टरों की सूची के साथ उनके नंबर सर्कुलेट किये गये, फोन आने पर लोगों को परामर्श दिया गया।
यूथ पावर ऑफ इंडिया के नाम से चल रहा सेवा कार्य
डॉक्टरों की टीम ने यह काम यूथ पावर ऑफ इंडिया के बैनर तले किया है। यह संस्था 2011 से सक्रिय है। डॉक्टरी पूरी करने के बाद सभी साथियों ने इसी बैनर के साथ अपने काम की शुरुआत की। ऑनलाइन माध्यमों से अपने नंबर सर्कुलेट किये गए, जिसके बाद फोन पर लोगों को सेवा दी गई।
अरविंद प्रताप और प्रोफेसर मनोज ने दिया मार्गदर्शन
युवा डॉक्टरों की टीम को पत्रकार अरविंद प्रताप और प्रोफेसर मनोज ने मार्गदर्शन दिया है। उनकी देखरेख में इस टीम ने डेढ़ महीने में 5000 लोगों को चिकीत्सीय सलाह दिया। सभी ने इसमें भरपूर समय और सहयोग दिया जिससे यह मुहिम सफल हो पाई है।