द फॉलोअप टीम, नालंदा:
बिहार के एक आईएएस अधिकारी की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। चर्चा की वजह से आईएएस अधिकारी की सादगी। इस आईएएस अधिकारी का नाम योगेंद्र सिंह है। योगेंद्र सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजिले नालंदी के डीएम थे। हाल ही में उनका ट्रांसफर हुआ। ट्रांसफर के बाद डीएम योगेंद्र सिंह ने अपना सामान उठाया। स्टेशन पहुंचे और लाइन में लगकर टिकट लिया।
फेयरवेल पार्टी को भी किया मना
मिली जानकारी के मुताबिक डीएम ने फेयरवेल पार्टी को सादगी से मना कर दिया। बिना किसी तामझाम के अगली जिम्मेदारी का निर्वहन करने निकल गये। सोशल मीडिया में डीएम योगेंद्र सिंह का वीडियो और फोटो वायरल है जिसमें उनकी खूब तारीफ हो रही है। कहा जाता है कि जिलाधिकारी ने इस दौरान किसी भी प्रकार का विशेष सम्मान अथवा सरकारी लाभ नहीं लिया। उन्होंने अपने बॉडीगार्ड को नये डीएम के साथ रहने की हिदायत दी। उन्होंने स्टेशन पहुंच कर श्रमजीवी एक्सप्रेस पकड़ा और अगले पड़ाव के लिए निकल गये।
नालंदा के डीएम की सादगी बनी चर्चा
गौरतलब है कि डीएम योगेंद्र सिंह मूल रूप से यूपी के उन्नाव जिले के रहने वाले हैं। नालंदा में 37वें डीएम के रूप में तकरीबन 35 महीने तक सेवा देने के बाद उनका तबादला हो गया। इलाके में उनकी पहचान ईमानदार और तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी के रूप में रही। नालंदा छोड़ने से पहले डीएम ने नगर आयुक्त चरनजीत सिंह को प्रभार सौंपा। डीडीसी को अपने मोबाइल का सरकारी सिम भी सौंपा।
2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं योगेंद्र
बता दें कि योगेंद्र सिंह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सबसे पहले वो पटना सिटी के एसडीओ बने। इसके बाद बेतिया के विकास आयुक्त बने। शेखपुरा में पहली बार बतौर जिलाधिकारी कार्यभार संभाला। इसके बाद नालंदा के जिलाधिकारी बने। नालंदा के लिए इस जिलाधिकारी को शायद ही कभी भुला पायें। ऐसे वक्त में जबकि अधिकारियों का व्यवहार अमर्यादित रहता है। योगेंद्र उदाहरण बने हैं।