द फॉलोअप टीम, रांची:
आख़िर अंजुमन इस्लामिया रांची के चुनाव पर बादल मंडरा ही गया। वोटर लिस्ट में गड़बडी की शिकायत लगातार मिल रही थी। इस संबंध में अंजुमन के पदाधिकारियों समेत कई प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन से वक्फ बोर्ड की निगरानी में निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की थी। डीसी ने जांच के लिए दो सरकारी पदाधिकारी को जिम्मा सौंपा। इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस बीच 6 नवंबर को चुनाव कन्वीनर डॉ. सैयद इकबाल हुसैन ने चुनाव की घोषणा कर दी। 21-24 नवंबर तक चार दिनों तक वोटिंग होनी थी। इच्छुक प्रत्याशियाें ने नामांकन करना भी शुरू कर दिया था। लेकिन अब विभागीय मंत्री ने चुनाव प्रक्रिया वक्फ बोर्ड या रांची डीसी की निगरानी में कराने का निर्देश दिया है। बता दें कि अंजुमन मुसलमानों का प्रमुख प्रतिनिधि संगठन माना जाता है। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने नजरबंदी के दिनों में रांची में इसकी स्थापना की थी।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने विभाीयग सचिव को चुनाव प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। कहा कि जांच के बाद ही अंजुमन के बॉयलॉज के अनुसार चुनाव कराए जाएं। इधर, झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने आज रांची डीसी को पत्र भेजकर मामले की जांच कराते हुए वक्फ संशोधित अधिनियम-2013 और अंजुमन इस्लामिया के By-laws के अनुरूप निष्पक्ष चुनाव कराने का आग्रह किया है।