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प्रशांत किशोर के बाद तेजस्वी के राहुल की ओर झुकाव के कारण जानिये

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कोरना काल की अव्यवस्था, सरकारी उपक्रमों का निजीकरण, बढ़ती महंगाई, किसान आंदोलन। ये प्रमुख तथ्य हैं, जो मोदी सरकार से आम जनता के मोहभंग के कारण बताए जा रहे हैं। इसे विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भुनाना चाहता है। कभी भाजपा में रहे यशवंत सिन्हा , अभी ममता बनर्जी की पार्टी में हैं, उन्होंने अपने राष्ट्र मंच को फिर से सक्रिय कर दिया है। पिछले ही सप्ताह दिल्ली  में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के दिल्ली आवास पर विपक्ष के नेताओं और प्रबुद्ध जनों की बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले हुई। जिसमें विपक्षी एकजुटता पर ही बल दिया गया।



प्रशांत किशोर कह चुके, राहुल ही बनेंगे पीएम
इधर के सालों में बहुत तेजी से चुनावी रणनीतिकार के रूप में उभरे प्रशांत किशोर भी कई बार शरद पवार से मिल चुके हैं। उनका भी एक ही मिशन है विपक्षी एकता। बता दें कि यह वही प्रशांत हैं, जो 2014 में भाजपा की प्रचार टीम के अहम सलाहकार थे। जब वो भाजपा के साथ रहे, नरेंद्र मोदी के सर ताज चढ़ा। पंजाब में अमरिंदर सिंह की ताजपोशी में भी उनकी भूमिका रही। बिहार में नीतिश कुमार के भी सिपहसालार रहे। इस 2 मई को, जब पांच राज्यों के परिणाम घोषित किए गए, तो प्रशांत किशोर को न महज बंगाल की जीत, बल्कि तमिलनाडु की जीत के लिए भी वाह-वाही मिली। कुछ दिनों पहले ही उनका एक बयान चर्चा में रहा,जब वो बोले कि  राहुल गांधी 2024 में आश्चर्यचकित रूप से प्रधानमंत्री बन जाएंगे।



कांग्रेस के बिना मजबूत विपक्षी गठबंधन नामुमकिन
राजद नेता तेजस्‍वी यादव ने भी कह दिया है कि क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर विपक्षी महागठबंधन बनाया जाना चाहिए। इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। बड़ी बात यह कही है कि कांग्रेस को इसकी अगुवाई करनी पड़ेगी। नेता हम सब मिलकर तय कर लेंगे। अभी सशक्त  मोर्चा बने। कांग्रेस के बिना भाजपा के खिलाफ कोई मजबूत मोर्चा नहीं बन सकता। लगभग 200 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की पकड़ आज भी दमदार है।