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पंचायत चुनाव को लेकर सरकार तैयार, तो टाना भगतों ने शुरू किया विरोध

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
पंचायत चुनाव को लेकर लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है, लेकिन चुनाव का विरोध भी शुरू हो गया है। विभिन्न जिलों के टाना भगत समुदाय के लोगों ने पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग की। इसको लेकर उन्होंने लातेहार में विशाल रैली भी निकाली थी।

क्या कहना है टाना भगतों का
टाना भगत समुदाय के लोगों का कहना है कि झारखंड के 15 जिलों में संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत पंचायत चुनाव कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। पांचवी अनुसूची में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन जिलों में शासन प्रशासन को नियंत्रण करने का अधिकार आदिवासी समुदाय को ही है। ऐसे में पंचायत चुनाव करवाकर सरकार पांचवी अनुसूची का उल्लंघन कर रही है। टाना भगत समुदाय के लोग सरकार से पंचायत चुनाव को रद्द करते हुए संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत आदिवासियों को ग्राम पंचायत के विकास का पूरा अधिकार देने की मांग कर रहे हैं।

पुरानी व्यवस्था के तहत हो विकास कार्य
द फॉलोअप टीम से बात करते हुए जनार्दन टाना भगत और परमेश्वर टाना भगत के अलावा अन्य ने कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासियों के विकास के लिए किया गया था, लेकिन राज्य निर्माण के 20 साल बाद भी यहां आदिवासियों का कोई विकास नहीं हुआ। राज्य में पंचायत चुनाव हुए, लेकिन उसका भी लाभ आदिवासी समाज को नहीं मिला। गांव का कुछ भी विकास नहीं हुआ। सरकार ने झारखंड को प्रयोग की धरती बनाकर रख दिया है। ऐसे में टाना भगत समुदाय के लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि पुरानी व्यवस्था के तहत एक बार विकास की जिम्मेवारी आदिवासी समुदाय को दी जाए, ताकि ग्राम समाज का विकास हो सके।

आंदोलन की चेतावनी
टाना भगत समुदाय के द्वारा पंचायत चुनाव का विरोध किए जाने के बाद झारखंड में पंचायत चुनाव पर एक बार फिर से प्रश्न चिन्ह लगने लगा है, क्योंकि टाना भगत समुदाय के लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि सरकार उनकी बात को नहीं मानती है तो उनका आंदोलन और उग्र होगा।