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सुनील तिवारी का मामला पहुंचा झारखंड हाईकोर्ट, पुलिस को भी बनाया गया प्रतिवादी

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द फॉलोअप टीम, रांची:
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी का मामला अब झारखंड हाईकोर्ट पहुंच चुका है। रांची के अनगड़ा के रहने वाले चैता बेदिया ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अपने परिजनों को अदालत में उपस्थित करने की मांग की है। प्रार्थी द्वारा अपने अधिवक्ता निशांत कुमार के माध्यम से 16 अगस्त को इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है। याचिका में अदालत से गुहार लगाते हुए यह मांग की गयी है कि चैता बेदिया के परिवार के सदस्यों को रिहा करवाया जाये। एबीएस कॉप्स में अनगड़ा थाना प्रभारी समेत ग्रामीण एसपी रांची एसएसपी के अलावा अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों को भी प्रतिवादी बनाया गया है और कहा गया है कि अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करे। 

 


पुलिस ने जबरन उठाया और अब कुछ नहीं कह रही 
अधिवक्ता निशांत कुमार ने बताया कि चैता बेदिया के परिवार को पुलिस ने बिना कोई जानकारी के घर से उठा लिया है, उसे कहां रखा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। इसलिए उन्होंने याचिका दायर कर यह गुहार लगाई है कि, उनके परिजन को हाईकोर्ट में पेश किया जाए।

 

15 अगस्त को चैता बेदिया को मिली मामले की जानकारी
बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चे को जबरन साथ ले गए हैं। उन्होंने याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है कि पुलिस उनके परिजनों को जबरन उठाकर ले गई है और प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय वह घर में नहीं थे। वह किसी काम से 14 अगस्त को गिरिडीह गए हुए थे। 15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली, उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है।


सुनील तिवारी ने चैता बेदिया के भाई को पढ़ाया
अधिवक्ता ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ गलत मामला दर्ज कराने के लिए परिवार के सदस्यों को उठाया गया है। उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया है। सुनील तिवारी के घर पर रहकर उनके भाई ने पढ़ाई की है और वह अभी चेन्नई में नौकरी कर रहा है। उनकी पढ़ाई का खर्च भी सुनील तिवारी ने ही उठाया था।