logo

एनसीटीई ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी, इन छात्रों का भविष्य और पैसा दोनों डूब गया!

6529news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची: 
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के दर्जनों छात्र अपने-अपने क्लास की बजाय धरने पर बैठे हैं। राजधानी में इस वक्त दोपहर में भीषण गर्मी होती है, बावजूद ये छात्र अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करने को विवश हैं। जानकारी के मुताबिक नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने रांची के कांके स्थित मुताबिक राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की मान्यता रद्द कर दी है। 
एनसीटीई के इस फैसले से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्रों को अपने भविष्य और नामांकन में खर्च हुये पैसों की चिंता सता रही है। कॉलेज में तालाबंदी कर छात्र धरने पर बैठ गये हैं। 

एनसीटीई ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि बड़ी उम्मीदों के साथ हमने राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला लिया था। अब एनसीटीई ने कॉलेज की मान्यता ही रद्द कर दी। हमारा समय और पैसा दोनों बर्बाद हो गया। आखिर हम जायें तो जायें कहां। हमने विभाग से लेकर मुख्यमंत्री तक दौड़ लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हम शांतिपूर्वक तरीके से अनिश्चितकाल तक तालाबंदी करेंगे। 
कॉलेज ने मान्यता के लिये नहीं की अपील
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि 28 अगस्त 2019 को संस्थान की मान्यता रद्द कर दी गयी। कॉलेज से कहा गया था कि वे फैसले के खिलाफ 60 दिन के भीतर अपील कर सकते हैं लेकिन ना तो कॉलेज और ना ही उच्च शिक्षा विभाग ने इसमें दिलचस्पी ली।
छात्रों का कहना है कि वे अपनी समस्या लेकर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, राज्य के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के ओएसडी तक से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच पत्रों की रिसिविंग भी छात्रों ने दिखाई।             

कॉलेज सभी प्रावधानों को पूरा करता है
छात्रों ने बताया कि एनसीटीई के प्रावधानों के मुताबिक कॉलेज में 15 शिक्षक और एक प्रिंसिपल होना चाहिये। हालांकि यहां केवल 8 शिक्षक हैं। छात्रों ने बताया कि शिक्षकों की कमी के अलावा उनका कॉलेज बाकी तमाम प्रावधानों को पूरा करता है। छात्रों की मांग है कि सरकार डेप्युटेशन पर शिक्षकों की नियुक्ति करे ताकि उनके कॉलेज को मान्यता मिले। छात्रों का आरोप है कि कोई रूचि नहीं ले रहा। 

विभागों की टालमटोल में फंसा विभाग
छात्रों का आरोप है कि उनका भविष्य विभागों के बीच टालमटोल में फंसकर रह गया है। इनका कहना है कि मान्यता के लिये अपील करना होगा। अपील के लिये 25 हजार रुपये का शुल्क लगेगा। छात्रों का कहना है कि कॉलेज कहता है कि उसने शुल्क के बारे में शिक्षा विभाग को लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। छात्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग झारखंड सरकार के अंतर्गत आता है इसलिये जिम्मेदारी भी उसी की बनती है।