द फाॅलोअप टीम, नई दिल्ली
स्पाइसजेट को शेयर ट्रांसफर विवाद में अब स्पाइसजेट को 243 करोड़ रुपए जमा नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है। दरअसल, हाइकोर्ट पैसे जमा करने का आदेष दिया था लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने रोक लगा दी है।
क्या है मामला
यह मामला अजय सिंह को कंपनी का कंट्रोल ट्रांसफर किए जाने के बाद शेयर के रूप में रिडीमेबल 18 करोड़ वारंट का ट्रांसफर कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज को नहीं किए जाने पर पैदा हुए विवाद से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाइकोर्ट के उस आदेश पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है, जिसमें स्पाइसजेट को यह रकम जमा करने के लिए कहा गया था। बता दें कि कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज स्पाइसजेट के पुराने प्रमोटर हैं। स्पाइसजेट और इसके प्रमोटर अजय सिंह को 579 करोड़ रुपए की रकम पर 243 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था। 579 करोड़ रुपए की यह रकम दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 में स्पाइसजेट को शेयर ट्रांसफर विवाद मामले में जमा करने को कहा था। हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट को ब्याज राशि जमा करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया था और 2 सितंबर के फैसले के मुताबिक यह समय सीमा 14 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी थी। रकम जमा नहीं करने पर मारन और उनकी कंपनी ने हाइकोर्ट में अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
चीफ जस्टिस एसए बोवड़े और जस्टसेज एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने 2 सितंबर के दिल्ली हाइकोर्ट आदेश के खिलाफ स्पाइसजेट और उसके प्रमोटर द्वारा फाइल की गई अपील पर कलानिधि मारन और उसकी कंपनी को नोटिस भी जारी की। नोटिस को जवाब 4 सप्ताह में मांगा गया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई थी।