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10 वर्षों से एक ही जिले में जमे सिपाहियों का होगा तबादला, 25 अक्टूबर तक देनी है सूची

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द फॉलोअप टीम, रांची
झारखंड के सभी जिलों और शाखाओं में लगातार दस साल से जमे सिपाहियों का तबादला किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों में बुधवार को दस साल या उससे अधिक समय पूरा करनेवाले पुलिसकर्मियों की सूची मांगी है। इसके कारण दस साल से जमे सिपाहियों में हलचल तेज हो गई है।

25 अक्तूबर तक सभी जिलों से मांगी गई सूची 
डीआईजी कार्मिक ए विजयालक्ष्मी ने ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की सूची 25 अक्तूबर तक सभी जिलों के एसपी से मांगी है। जिलों के एसपी से दस साल का टर्म पूरा कर चुके पुलिसकर्मियों का नाम, आरक्षण श्रेणी, वर्तमान पदस्थापन, नियुक्ति तिथि, जिले में योगदान की तिथि, सभी पूर्व पदस्थापन, प्रशासनिक दृष्टिकोण से कभी स्थानांतरण हुआ है या नहीं, किसी प्रकार की कोई अभियुक्ति है या नहीं, इस बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है। 

लंबे समय से नहीं हुआ सिपाहियों का तबादला 
बता दें कि सिपाहियों का तबादला लंबे समय से नहीं हुआ है। पूर्व में 2015 में सिपाहियों का तबादला हुआ था। लेकिन उसके बाद मुख्यालय के स्तर पर बड़े पैमाने पर कोई तबादला नहीं हुआ था। हाल में पुलिस एसोसिएशन व पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने प्रभारी डीजीपी एमवी राव से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान एक जिले में लंबे समय से जमे पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग की गई थी। बताया गया था कि सिपाहियों का तबादला एक जिले से दूसरे जिलों में नहीं हुआ है। नक्सल प्रभाव वाले जिलों में लंबे समय से सिपाहियों की लगातार तैनाती से भी मनोबल पर प्रभाव पड़ रहा है।

ऐसे सिपाहियों की संख्या दस हजार से अधिक
साल 2005 के बाद बहाल हुए अधिकांश सिपाही एक ही जिलों में हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, दस साल या उससे लंबे अरसे से एक ही जिले में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या दस हजार से अधिक हो सकती है। हाल के दिनों में पुलिस मुख्यालय ने पूर्व के सारे स्थानांतरण के बाद भी संबंधित जिले में योगदान नहीं देनेवाले पुलिसकर्मियों को विरमित करवाया है। 

तबादले के लिए नीति बनी  
राज्य पुलिस मुख्यालय में तबादले के लिए नीति बनी है। नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों को शहरी जिलों में तैनात किया जाएगा। जिलों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटा गया है। वहीं पुलिस के सीआईडी, स्पेशल ब्रांच, रेल समेत अन्य विंग में तैनात पुलिसकर्मियों को भी बदला जाएगा। राज्य पुलिस मुख्यालय में सिपाहियों के तबादले के लिए अलग से बोर्ड का भी गठन किया जाएगा। 

सारे बंद ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे 
झारखंड पुलिस के सभी ट्रेनिंग सेंटरों को खोलने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय राज्य पुलिस मुख्यालय में बैठक के बाद लिया गया। लंबित सारे ट्रेनिंग कार्य को पूरा किया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने का आदेश भी दिया गया है। बता दें कि राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रशिक्षण निदेशालय ने कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सभी ट्रेनिंग संस्थानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया था।