द फ़ॉलोअप टीम, रांचीः
भारतीय चंदन का संसार में सर्वोच्च स्थान है। इसका आर्थिक महत्व भी है। यह पेड़ मुख्यत: कर्नाटक के जंगलों में मिलता है तथा भारत के अन्य भागों में भी कहीं-कहीं पाया जाता है। चन्दन एक खास तरह की सुगन्धित लकड़ी है। इसकी सुगंध बेमिसाल होती है। जैसे-जैसे इसका पौधा बढ़ता है, वैसे ही इसके तने और जड़ों में सुगन्धित तेल का अंश भी बढ़ने लगता है।
चन्दन का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में चन्दन को अत्यंत पवित्र माना जाता है। पूजा के हर कार्य में चन्दन की लकड़ी, चन्दन का लेप और चन्दन के इत्र का प्रयोग किया जाता हैशिवलिंग का अभिषेक भी चन्दन से करने की परंपरा है।
चन्दन का आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक प्रयोग
ह्रदय रोग, त्वचा के रोग और मानसिक रोगों में चन्दन के तेलों का खूब प्रयोग होता है। इससे और कई विशेष प्रकार की औषधियां बनती हैंं। चिकित्सा और पंचकर्म में भी चन्दन का प्रयोग किया जाता है।
तिलक लगाने के पीछे आध्यात्मिक महत्व
मनोविज्ञान की दृष्टि से भी तिलक लगाना उपयोगी माना गया है। माथा चेहरे का केंद्रीय भाग होता है इसलिए मध्य में तिलक लगाया जाता है। तिलक लगाने से मन को शांति मिलती है। माथे पर तिलक लगाने के पीछे मनोवैज्ञानिक कराण यह है कि, इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है। चंदन के टीका का लेप लगाने से सर ठंडा मन शांत रहता है।
आता है क्रोध तो लगाएं चंदन का टीका
जिन लोगों को गुस्सा अधिक आता है, उन्हें चंदन का टीका लगाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि हमारी बॉडी में उपस्थित 7 चक्रों में से एक और बहुत पॉवरफुल चक्र हमारी दोनों आइब्रोज के बीच में स्थित होता है। यानी वह जगह जहां हम टीका लगाते हैं। इस चक्र को आज्ञाकारी चक्र कहते हैं। यहां चंदन लगाने से हमारे मन और ब्रेन पर इसकी शीतलता का सीधा फायदा पहुंचता है।