द फॉलोअप टीम, रांची:
रांची मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में पुराने भवनों को अवैध मान कर नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने लगभग दो सौ से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया था, जिससे संबंधित भवनों के मालिक दहशत में थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नगर विकास विभाग के सचिव को 27 जुलाई को ही पत्राचार कर यह जानकारी भी दी थी कि राज्य सरकार को झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 की धारा-442 के तहत नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण का गठन किया जाना है, ताकि जिन भवनों को अवैध घोषित किया जा रहा है, वैसे भवनों के मालिक नगर आयुक के निर्णय के विरुद्ध नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण में अपील कर सकें। ऐसा जल्द संभव होगा।
हाईकोर्ट केनिर्देश से लोगों में न्याय के प्रति विश्वास बढ़ा
उन्होंने कहा कि गुरुवार को हाई कोर्ट ने अपर बाजार के भवनों समेत सेवा सदन को तोड़े जाने से संबंधित नोटिस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह रोक तब तक लगाई गई है जब तक उचित फोरम में अपील की व्यवस्था नहीं हो जाती। हाई कोर्ट के इस निर्देश से लोगों में न्याय के प्रति विश्वास बढ़ा है। मेयर ने कहा कि राज्य सरकार हों या रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, उन्हें कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, न कि कानून की आड़ में लोगों को मानसिक रूप से परेशान करना चाहिए। मेयर ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार जल्द से जल्द नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण का गठन किया जाए, ताकि इस प्रकार के मामलों में शहर के लोग उचित फोरम पर अपनी बात रख सकें। माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश स्वागत योग्य है।