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संसद में रमेश पोखरियाल ने कहा-शिक्षकों के दस लाख से अधिक पद रिक्त, बिहार में तीन लाख और झारखंड में 95,897 पद हैं खाली

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द फॉलोअप टीम, नई दिल्ली :  
देश में 10 लाख 60 हजार 139 शिक्षकों के पद खाली हैं। इसमें सबसे अधिक शिक्षकों के पद बिहार में खाली हैं। दूसरे स्थान पर यूपी और तीसरे स्थान पर झारखंड है। सांसद धर्मवीर सिंह द्वारा अतारांकित प्रश्न के जबाव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में यह जानकारी दी। निशंक ने बताया कि वर्ष 2020-21 तक पूरे देश में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध अलग-अलग राज्यों में कुल 10 लाख 60 हजार 139 पद रिक्त हैं।

बिहार-झारखंड की स्थिति बतायी
संसद में एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बिहार में शिक्षकों के सबसे अधिक पद रिक्त हैं। वहीं, मिजोरम में एक भी शिक्षक का पद खाली नहीं हैं। बिहार में शिक्षकों के कुल स्वीकृत 6 लाख 88 हजार 157 पद के विरुद्ध 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं। यूपी में शिक्षकों की 2 लाख 17 हजार से अधिक रिक्तियां हैं। वहीं, झारखंड में स्वीकृत 2 लाख 38 हजार 708 पदों के विरुद्ध 95 हजार 897 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।

झारखंड सरकार के आंकड़ों में शिक्षकों के 95,615 पद रिक्त
हालांकि, झारखंड सरकार से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सरकारी शिक्षकों के 95,615 पद रिक्त हैं। इसमें विभिन्न शिक्षा अभियानों और पारा शिक्षकों के पद शामिल नहीं हैं। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 20 फीसदी से अधिक रिक्तियों वाले छह राज्य हैं, जिनमें झारखंड (40.1%), बिहार (39.9%), उत्तर प्रदेश (28.8%), उत्तराखंड (24.3%) और छत्तीसगढ़ (21.7) शामिल हैं।

42  केंद्रीय विवि में 18 हजार से अधिक पद खाली 
केंद्र सरकार के मुताबिक, देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अठारह हजार से अधिक पद रिक्त हैं। संसद में एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि खाली पड़े पदों में 6,210 शैक्षणिक और 12,437 गैर-शैक्षणिक पद हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इग्नू में 196 शैक्षणिक पद और 1,090 गैर शैक्षणिक पद रिक्त पड़े हुए हैं। वहीं तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में 52 शैक्षणिक और 116 गैर-शैक्षणिक पद खाली हैं। पदों की संख्या की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पदों का रिक्त होना और भरते रहना एक सतत प्रक्रिया है।