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MP: बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला, उफनते सैलाब के बीच 24 घंटे तक 16 फीट ऊंचे पेड़ पर गुजारी रात

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द फॉलोअप टीम, विदिशा: 


देश के कई हिस्सों में लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। मध्य प्रदेश में हालात खराब हैं। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की वजह से परिस्थितियां विकट हैं। प्रदेश में ताजा मामला काफी मार्मिक है। यहां एक गर्भवती महिला को पूरे 24 घंटे पेड़ पर बिताना पड़ा। गौरतलब है कि महिला के गर्भवती होने की वजह से परिवार सही वक्त पर गांव से नहीं निकल सका औऱ फंस गया। 

मध्य प्रदेश के विदिशा का है पूरा मामला
मामला मध्यप्रदेश के विदिशा की है। यहां रहने वाले 2 परिवार बाढ़ में फंस गए थे। एक परिवार की एक महिला गर्भवती  थीं।  इस कारण परिवार गांव  छोड़कर नहीं जा पा रहा था। अच्छी बात ये रही कि एक परिवार को संकट में देख दूसरे परिवार ने भी उनकी सहायता के लिए गांव में रूकना चुना। आपसी सहभागिता से दोनों परिवार एक दूसरे की सुरक्षा कर सका। 

पूरे परिवार ने 24 घंटे पड़े पर बिताए
मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ में तरह फंसे इस परिवार ने 24 घंटे इस पेड़ पर बिताए। अगले दिन सुबह एनडीआरएफ की टीम ने इस परिवार को बाढ़ प्रभवित क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला। तब तक ये परिवार पेड़ पर ही समय बिता रहा था। दुर्भाग्य की बात ये है कि गर्भवती महिला को ऐसे खतरनाक हालात में पूरे 24 घंटे पेड़ पर बिताना पड़ा। 

विदिशा के कैथन नदी का जलस्तर बढ़ा
विदिशा के कैथन नदी के उफान से ग्रामीणों में दहशत है। नदी में आये उफान ने पूरे गांव में तबाही मचा दी।  बाढ़ के डर से लोगों ने पूरा गांव खाली कर दिया। यहां गौरव और उसके भाई का परिवार बाढ़ में फंस गए।  पानी इस कदर गांव में बढ़ने लगा कि दोनों ही परिवारों को गांव से  निकलने का मौका नहीं मिला। गौरव की पत्नी लक्ष्मी गर्भवती है, जिसकी वजह से वह समय रहते गांव नहीं छोड़ सक। . 

गांव के सरपंच ने की परिवार की मदद
पूर्व सरपंच राजेश बघेल ने सिरोंज विधायक और कुरवाई विधायक को इसकी जानकारी दी। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने एयरलिफ्ट कराने के आदेश भी दे दिए, लेकिन शाम होने से अंधेरा अधिक हो गया और मौसम भी खराब था। इस वजह से हेलिकॉप्टर परिवार की मदद के लिए नहीं पहुंच पाया। परिवार को वहीं रात बितानी पड़ी 

24 घंटे बिना हिम्मत हारे पेड़ पर गुजारे 
गौरव और उसका परिवार हिम्मत के साथ सारी रात पेड़ पर डटा रहा।  नीचे उफनती नदी और ऊपर से बारिश और तेज चलती हवा के बीच सारी रात निकल गई। शनिवार की सुबह रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।