द फॉलोअप टीम, रांची
रांची पुलिस लाइन में उस वक्त एक पुलिसकर्मी को देखने के लिए भीड़ लग गई जब वे अपने पिस्टल और गोलियों के साथ शस्त्रागार पहुंचा। राजू पीछले 6 महीने से कहां था ये पुलिस विभाग में किसी को पता नहीं था, इतना ही नहीं वे किसी का फोन भी रिसीव नहीं करता था। शस्त्रागार में हथियार जमा कराने के बाद पुलिसकर्मी ने गोंदा थाने जाकर इसकी सूचना दी।
खेती करता रहा जवान, विभाग देता रहा वेतन
राजू कुमार ने अधिकारियों को बताया कि वह पारिवारिक कारणों से नहीं लौट पा रहा था, उसके पिता का निधन हो गया था। उसकी पत्नी भी बीमार चल रही थी। हथियार के बारे में बताया कि उसने अपनी बैरक में ही पिस्टल और गोलियों को एक बक्से में रखा था। वह हथियार गांव लेकर नहीं गया था। इससे पहले पुलिस को खबर मिली थी राजू अपने गांव में खेती कर रहा है। उसे कई दिनों तक पुलिस विभाग की ओर से पेमेंट भी मिलता रहा। वह किसी का कॉल भी नहीं रिसीव कर रहा था, ताकि किसी को नौकरी छोड़कर गांव में रहने की जानकारी न मिल सके. इधर मामले में एफआइआर दर्ज दर्ज कराए जाने और मीडिया में खबरें आने के बाद राजू ने गोंदा थाने की पुलिस से संपर्क किया और सोमवार की रात वह लौटा और मंगलवार को उसने हथियार जमा कराए। पुलिस राजू के बयान की जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री के सुरक्षा प्रभारी का अंगरक्षक रह चुका राजू
राजू कुमार मुख्यमंत्री के सुरक्षा प्रभारी का अंगरक्षक रह चुका था, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। विभागीय कार्रवाई पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने पर सिपाही बर्खास्त भी किया जा सकता है। बता दें कि 25 मई 2019 के बाद से पुलिस विभाग को कोई पता नहीं था कि राजू कहां और किस हालात में है।