द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कल यानी गुरुवार को 8वें और आखिरी चरण की वोटिंग होगी। मालदा, बीरभूम, मुर्शिदाबाद और कोलकाता उत्तर की 35 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। मालदा की 6, मुर्शिदाबाद की 11, कोलकाता उत्तर की 7 और बीरभूम की 11 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इसके लिए कुल 11 हजार 860 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम होंगे।
केंद्रीय सुरक्षा बल की 752 कंपनियां तैनात
8वें चरण की वोटिंग के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से केंद्रीय सुरक्षा बल की 752 कंपनियों को तैनात किया गया है। सबसे अधिक कंपनियां बीरभूम जिले में तैनात की गयी है। यहां केंद्रीय सुरक्षा बल की 224 कंपनियां तैनात की गयी हैं। मुर्शिदाबाद में 212, मालदा में 110 और कोलकाता उत्तर में 95 कंपनी तैनात की गयी है। बीरभूम में पोलिंग के दौरान हिंसा की सबसे ज्यादा आशंका है।
82 लाख से अधिक मतदाता करेंगे वोटिंग
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 8वें चरण में 82 लाख 77 हजार 728 मतदाता 283 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें से 43 लाख 55 हजार 835 पुरुष मतदाता हैं। 41 लाख 21 हजार 735 महिला मतदाता हैं। आठवें चरण में 158 ट्रांसजेंडर वोटर्स भी वोट डालेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से पोलिंग बूथ की संख्य़ा बढ़ाई गयी है। कुल 11 हजार 860 पोलिंग बूथ बनाये गये हैं। वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होगी। शाम 6 बजे तक वोटिंग जारी रहेगी।
गुरुवार को होगी आखिरी चरण की वोटिंग
गौरतलब है कि 294 सीटों वाली बंगाल विधानसभा के लिए प्रदेश में 8 चरण में चुनाव करवाया गया। यहां 27 मार्च को पहला, 1 अप्रैल को दूसरा, 6 अप्रैल को तीसरा, 10 अप्रैल को चौथा, 17 अप्रैल को पांचवां, 22 अप्रैल का छठा, 26 अप्रैल को सातवां और 29 अप्रैल को आठवां चरण का मतदान शेड्यूल किया गया था। गुरुवार यानी कल वोटिंग के साथ ही पश्चिम बंगाल चुनाव संपन्न हो जायेगा।
चुनाव आयोग के लिए वोटिंग बड़ी चुनौती
आठवें चरण की वोटिंग करवाना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती होगी। कोरोना के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि कोलकाता में हर दूसरा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है। मद्रास हाईकोर्ट कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहरा चुका है। मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा था कि चुनाव के दौरान रैलियों की इजाजत देने और वोटिंग के दौरान कोरोना गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं करवाने के लिए चुनाव अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।