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रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या दस लाख पार, पर तीन हजार लोगों को ही नौकरी मिल पाएगी

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द फॉलोअप टीम, रांची 
राज्य में कुल रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या दस लाख 50 हजार हो गई है। लेकिन राज्य सरकार अभी मात्र तीन हजार लोगों को ही रोजगार मुहैया करा पायेगी। ऐसा इसलिये क्योंकि विभिन्न नियोक्ताओं की ओर से काम के लिये महज तीन हजार लोगों की ही मांग की गयी है। ऐसे में अन्य दस लाख 47 हजार लोगों को फिलहाल रोजगार के लिये इंतजार करना होगा, जबकि कुल रजिस्टर्ड मजदूरों की संख्या में प्रवासी मजूदरों की संख्या अधिक है। 

टेक्सटाइल सेक्टर में अधिक मांग
बता दें कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी श्रम विभाग के कंट्रोल रूम में मजदूर रजिस्टर्ड हो रहे हैं। इनमें कुछ विद्यार्थी समेत अन्य क्षेत्र के लोग भी हैं। पिछले कुछ दिनों से श्रम विभाग की सहयोगी संस्था फिया फाउंडेशन की ओर से इन मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है। श्रम विभाग में आयी मांगों में भवन निर्माण और टेक्सटाइल सेक्टर से अधिक है। इसमें सभी मांग राष्ट्रीय स्तर के हैं। 1500 लोगों की मांग भवन निमार्ण क्षेत्र में 1500 लोगों की मांग भवन निर्माण क्षेत्र में की गयी है। वहीं अन्य मांग टेक्सटाइल सेक्टर से है। 

राज्य में रोजगार सृजन की संभावना कम
दरअसल, राज्य में रोजगार सृजन की संभावना काफी कम हो गयी है। टेक्सटाइल में दस कंपनियां आयी हैं। जिसमें कॉटन वर्ल्ड बैंगलूरू में 500, एशियन फैब्रिक प्राइवेट लिमिटेड तमिलनाडू में 200 लोगों की मांग आयी है। इसके साथ ही पुणे, गुजरात, चेन्नई, त्रिपुरा से भी लोगों की मांग विभाग के पास आयी है। इसके पहले राज्य सरकार की ओर से 1660 मजूदरों को लेह-लद्दाख भेजा गया था, जो अक्टूबर बाद वापस आ जायेंगे। 

प्रवासी मजूदरों को मिलेगी प्राथमिकता
विभाग से जानकारी मिली है कि लोगों की नियुक्ति को लेकर जल्द ही विज्ञापन जारी किया जायेगा। इसमें प्रवासी मजूदरों को प्राथमिकता दी जायेगी। प्रवासी मजूदरों के बाद ही अन्य लोगों को नौकरी दी जायेगी। बता दें इसके लिये राज्य सरकार ने लेबर नेट नामक बैंगलूरू की संस्था से एमओयू किया है। 

फिया फाउंडेशन का सराहनीय प्रयास
उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग के साथ मिलकर फिया फाउंडेशन 27 मार्च 2020 से काम कर रही है। जिसने प्रवासी मजूदरों के रजिस्ट्रेशन और उन्हें वापस लाने में मदद की थी। अब संस्था विभाग के साथ मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने का लगातार प्रयास कर रही है।