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अब राजद प्रमुख लालू की निगरानी के लिए तीन शिफ्ट में तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट, जिला प्रशासन ने अपनाया कड़ा रुख

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 द फॉलोअप टीम, रांची 
आखिरकार जेल मैनुअल का उल्लंघन करना राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को महंगा पड़ गया है। लालू यादव अब 24 घंटे तीन मजिस्ट्रेट की निगरानी में रहेंगे। मजिस्ट्रेट की तैनाती रिम्स रांची के 1 केली बंगला में की गई है, जहां पर लालू यादव को रखा गया है। तीनों ही मजिस्ट्रेट तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम करेंगे।

बाहरी शख्स को अंदर जाने की मनाही 
सुरक्षा के लिहाज से 1 केली बंगले की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। किसी भी बाहरी शख्स को अंदर आने की इजाजत अब नहीं मिलेगी। बिना अनुमति के बिहार से आनेवालों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्हें जबरन 14 दिनों के लिए क्वारनटीन में रखा जाएगा। रांची के डीसी छवि रंजन ने इसको लेकर रांची के एसएसपी को निर्देश दिए हैं।
 
आईजी ने डीसी को लिखा था पत्र
रांची डीसी ने बिहार से बिना सरकारी परमिशन के झारखंड आनेवाले लोगों को सरकारी क्वारनटीन में रखने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, लालू की राजनीतिक कार्यकर्ताओं से लगातार हो रही मुलाकात पर जेल के आईजी ने संज्ञान लेते हुए डीसी को पत्र लिखा था। पत्र में जेल आईजी बीरेंद्र भूषण ने कहा था कि लालू यादव जेल मैनुअल का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। पत्र में लालू की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर भी जेल मैनुअल के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। इसको लेकर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति करने को कहा गया था। 

क्या है पूरा मामला
दरअसल, रांची के रिम्स का डायरेक्टर बंगला आरजेडी का मुख्यालय बन गया था। सैकड़ों लोग जेल मैनुअल और आपदा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर बिहार चुनाव के लिए टिकट की चाहत में लालू यादव से मिल रहे थे। इस मुद्दे पर बीजेपी लगातार राज्य की हेमंत सरकार पर हमलावर थी। 

जेल मैनुअल का हो रहा था उल्लंघन
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के लिए हास्यास्पद और शर्मनाक स्थिति है कि उनके नाक के नीचे जेल मैनुअल का उल्लंघन हो रहा है। सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव को इलाज के लिए सेंट्रल जेल से रिम्स में भर्ती कराया गया था ना कि राजनीतिक मीटिंग करने के लिए।