द फॉलोअप टीम, रांची:
द झारखंड काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन ने एक निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक अब दूसरे राज्यों से भी झारखंड आकर प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स को झारखंड राज्य चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस फैसले से माना जा रहा है कि झारखंड में अब झोला छाप डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के अब राज्य में कोई भी डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।
मनमानी व्यवस्था पर रोक के लिए फैसला
डॉ. बिमलेश सिंह ने कहा कि अभी तक जिन्हें मन होता था तो वे झारखंड आकर प्रैक्टिस कर लेते हैं। मनमानी व्यवस्था थी। इसी पर रोक लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में मात्र 7500 डॉक्टरों ने पर्षद में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
लेट फी में चिकित्सकों को राहत
काउंसिल की तरफ से डॉक्टरों को लेट फी में राहत दी गई है। पीजी डिग्री इन्क्लूजन का लेट फी अब जनवरी 2022 के बाद देना होगा। इससे पहले कोई लेट फीस नहीं देना होगा। लेट फीस के रूप में 200 रुपए प्रति साल के हिसाब से देना होगा।