द फॉलोअप टीम, पटना:
बिहार में एक थाना ऐसा भी है जहां 4 साल में लूट, हत्या, डकैती, चोरी जैसे गंभीर अपराध का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ। इस थाना क्षेत्र में दहेज के लिए कोई भी लड़की नहीं मरी। हम बात कर रहे हैं गोबरहिया थाना की। यह थाना रामनगर प्रखंड के बगहा मुख्यालय के पास है। इस थाने में यहां न तो अफसर के पास कोई शिकायत लेकर जाता है और न ही कोई अफसर यहां पर निरीक्षण को पहुंचता है। पिछले 4 साल में इस थाने में महज 27 केस दर्ज हुए, वह भी छोटे-मोटे यानी हल्की धाराओं वाले।
कोई दहेज़ नहीं मांगता
इस थाना क्षेत्र के लोग दहेज नहीं मांगते हैं। इस थाने तक पहुंचने के 22 पहाड़ी नदियां पार करनी होती है। दोन का यह क्षेत्र रामनगर प्रखंड के अंतर्गत आता है। इसमें 2 पंचायत हैं जिसमें 26 गांव हैं। यहां थारू समुदाय के लोग रहते हैं जिनके लिए कानून से बढ़कर कुछ नहीं होता है। यहां करीब 30 हजार की आबादी है। इनका अपना संविधान है, जो मौखिक है। ये लोग गांव के गुमास्ता में ही सभी विवादों को सुलझा लेते हैं। सर्वसम्मति से यहां विवादों को सुलझाया जाता है, जिसमें गुमस्ता की अहम भूमिका होती है। गुमस्ता को सर्वोपरि माना गया है। गांव के ही लोग मिलकर गुमास्ता को चुनते हैं। गुमास्ता गांव का प्रभावशाली शख्स होता है।
1990 में बना था थाना
1986 से लेकर 1990 तक यह गोवर्धना चौकी था। चारों तरफ से जंगल थे। 90 के दशक में यहां डाकुओं का खौफ था। इसके बाद 1990 में इसे थाने में बदला गया। 4 साल में देखा जाए तो बगहा पुलिस जिला के 19 थानों में 9269 एफआईआर दर्ज हुई जबकि गोबरिया थाना में 27 मामले दर्ज हुए हैं। यहां पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ता है। जब भी थाना के कर्मियों को बाहर जाना होता है तो वे लोग ट्रैक्टर से ही जाते हैं। थाने की गाड़ी 4 महीने तक बिल्कुल खड़ी रहती है।