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स्वास्थ्य मंत्री, विशेषज्ञ और धर्म गुरुओं समेत 2 लाख से अधिक लोगों ने ब्लैक फंगस से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने पर की चर्चा

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखण्ड और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर ऑनलाइन जागरूकता अभियान का आयोजन नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से किया। कोविड वैक्सीन के प्रजनन स्वास्थ्य पर सुरक्षित प्रभाव, ब्लैक फंगस से जुड़ी भ्रांतियों, बच्चों के मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) एवं सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए और जागरूकता फ़ैलाने के लिए 2 लाख से अधिक जमीनी स्तर से जुड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया ताकि कोरोना की तीसरी लहर बेअसर हो और बच्चों की सुरक्षा हो सके। इस अभियान से राज्य के सभी सिविल सर्जन के साथ-साथ सभी धर्म के धर्म गुरुओं खास कर आदिवासी समाज के धर्म गुरु पाहन समुदाय को जोड़ा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता थे, विशिष्ट अतिथि अरुण कुमार सिंह (स्वास्थ्य सचिव, झारखण्ड सरकार), डॉ. जे. ए. जयालाल (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आई.एम.ए.) और डॉ. जयेश लेले (राष्ट्रीय सचिव, आई.एम.ए.) थे। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ब्लैक फंगस हेल्प लाइन 6203709250 का भी उद्घाटन किया।

तीसरी लहर के लिए सरकार की समुचित तैयारी: बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार है। प्रत्येक जिला अस्पताल से लेकर प्रखंड स्तर पर बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली कोविड वार्ड बनाये जा रहे हैं। जिला स्तर पर ऑक्सीजन बैंक का निर्माण किया जा रहा है। बच्चों के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है जिसके माध्यम से पूरे राज्य में चिकित्सकों और अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा सके। ब्लैक फंगस को लेकर भी सरकार विशेष तैयारी कर रही हैं, प्रत्येक जिला के सदर अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए स्पेशल वार्ड बनाया जा रहा है। सरकार इसको राज्य आपदा के रूप में लाने के प्रस्ताव पर समीक्षा कर रही हैं, इसके इलाज के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही हैं।



तो झारखण्ड से दूर हो जाता सर्वाइकल कैंसर: डॉ. भारती कश्यप
वीमेन डॉक्टर्स विंग आई.एम.ए. झारखण्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी कि झारखण्ड के 23 सदर अस्पतालों में से 11 सदर अस्पतालों में सर्वाइकल प्री-कैंसर के इलाज की मशीन की व्यवस्था स्थानीय विधायक महोदयों के साथ मिलकर हम लोगों ने की थी।  जहाँ रांची, खूंटी, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग, साहेबगंज में डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप के साथ क्रायो मशीन लगाई गई है वहीं संथाल परगना के बाकि सदर अस्पतालों में क्रायो मशीन और गैस सिलिंडर की व्यवस्था की गई थी। लेकिन गैस सिलिंडर एक बार खाली होने की वजह से सभी जगह काम रुक गया। अगर जिस रफ़्तार से सर्वाइकल कैंसर उन्मोलन अभियान चल रहा था उस रफ़्तार से 1 से  2 वर्षों में में झारखण्ड से सर्वाइकल कैंसर का खात्मा हो जाता।

महिलाओं के लिए हर तरह से सुरक्षित वैक्सी न: डॉ. रवि कश्यप
पहले सत्र में इलेनोईस यूनिवर्सिटी, अमेरिका से फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि कश्यप ने महिलाओं व पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर, गर्भवती और दूध पिलाती माताओं पर वैक्सीन के सुरक्षित प्रभाव पर सभी को जागरूक किया। उन्होंने बच्चों में मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण जिसे अभिवावकों को पहचाना चाहिए उसके बारे में अभिवावकों को जागरूक किया। क्योंकि यह एक बहुत कम होने वाली परन्तु जानलेवा बीमारी है। MIS-C के मामलों नवजात शिशुओं से 18 साल के पोस्ट कोविड के बच्चों में संक्रमण के 3 से 4 हफ़्तों के बाद देखा जाता है। सबसे चिंता की बात यह है कि इस रोग के लक्षण डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों जैसे ही हैं। ऐसे में अगर बच्चों को दो-तीन दिन पेट दर्द, बुखार, उल्टी, दस्त, आंख, मुंह लाल, शरीर पर चकत्ते हों तो सावधान हो जाएं उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएँ। समय पर उपचार बच्चे की जान बचा सकता है। रक्तचाप में अचानक गिराव (जिसका लक्षण अत्यधिक थकान है)  और साँस का फूलना अडवांस स्टेज के लक्षण होते हैं। MIS-C सबसे ज्यादा हृदय, फेफड़े को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।



पेडियेट्रिक ICU में किस तरह की तैयारी करनी चाहिए: डॉ. पूजा कश्यप 
दूसरे सत्र में टेक्सस यूनिवर्सिटी, अमरीका से बच्चों की ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा कश्यप ने कोरोना के दौरान प्रभावित बच्चों की ज़िन्दगी बचाने के लिए झारखण्ड सरकार को पेडियेट्रिक ICU में किस तरह की तैयारी करनी चाहिए उसके बारे में सुझाब प्रदान किया। उन्होंने कहा की पेडियेट्रिक ICU में हार्ट एवं पेट की अल्ट्रा साउंड मशीन, हेड सिटी स्कैन, वैंटिलेटर की जरुरत है। उन्होंने सुझाव दिया एडल्ट ICU एक्सपर्ट डॉक्टर्स को प्रशिक्षित कर पेडियेट्रिक ICU एक्सपर्ट बना कर मानव संसाधन की कमी को पूरा किया जा सकता है। एडल्ट हार्ट स्पेसिलिस्ट को प्रशिक्षित कर पेडियेट्रिक हार्ट स्पेसिलिस्ट का काम लिया जा सकता है। हमारे देश में  MIS-C के 2 हजार से 3 हजार केस और अमेरिका में करीब 4 हजार मरीज मिलें हैं। ICU में भरती MIS-C के 85 प्रतिशत मरीजों में हार्ट प्रभावित होता है।

ब्लैक फंगस से जुड़ी भ्रांतियों को किया जाए दूर: डॉ. बिभूति कश्यप
तीसरे सत्र में एम्स नई दिल्ली प्रशिक्षित  डॉ. बिभूति कश्यप ब्लैक फंगस से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया। उन्होंने बताया की ब्लैक फंगस की बीमारी में जैसे एक सत्य यह है की वो सुगर के मरीजों में और अनियंत्रित स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों में पाया जा रहा है। वैसे ही एक सत्य यह भी है की कुछ 10 प्रतिशत मरीज ऐसे भी हैं जिनको सुगर की बीमारी नहीं हुई है। इन मरीजों में इस बीमारी के होने की संभवतः वजहें अत्यधिक भाप लेना, वैक्सीन नहीं लेना, जिंक का सेवन करना और डबल म्यूटेन्ट स्ट्रेन से कोरोना वायरस का इन्फेक्शन होना हो सकता है। हालाकिं इसकी पुष्टि होने के लिए और रिसर्च होनी ज़रूरी है। अतः सुरक्षा की दृष्टि से यह ज़रूरी है की कोरोना से उभरे मरीज साफ़ सफाई का ख़ास ध्यान रखें। साफ़ सुथरे मास्क पहने, धुल मिटटी वाले जगह में न जायें, नियमित रूप से स्नान करें और पैरों को पलंग में आने के पूर्व साफ़ करें ताकि चादर पर मिटटी या पैरों की गन्दगी न आए।



साहियाओं में सर्वाइकल और स्तन कैंसर: डॉ. स्वरुपा मित्रा
चौथे सत्र में डॉ. स्वरुपा मित्रा (चीफ कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञ, राजीव गाँधी कैंसर इंस्टिट्यूट & रेसुर्च सेंटर, नई दिल्ली) ने स्वास्थ्य साहियाओं को सर्वाइकल कैंसर एवं स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचाने का प्रशिक्षण दिया।