द फॉलोअप टीम, रांची:
रांची नगर निगम परिषद की बैठक में शामिल करने के लिए नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कार्यवृत्त संख्या-14 के तहत झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल संयोजन नियमावली 2020 का प्रस्ताव भेज था, जिसे परिषद की बैठक में उपस्थापित करने पर रोक लगाई गई थी। मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने इस संबंध में कहा कि 25 मार्च 2021 को भी निगम परिषद की बैठक में इस नियमावली को नगर आयुक्त ने उपस्थापित किया था। उस समय इस नियमावली को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। संबंधित नियमावली में स्पष्ट कहा गया है कि इस अधिसूचना के निर्गत होने की तिथि से संबंधित नियमावली प्रभावी होगी। मेयर ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की किसी भी अधिसूचना का पालन करना रांची नगर निगम का नैतिक कर्तव्य है। परंतु राज्य सरकार की किसी भी अधिसूचना पर निर्णय लेने का अधिकार निगम परिषद को नहीं है। मेयर ने यह भी कहा कि नगर आयुक्त को पत्राचार कर यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की अधिसूचना पर निर्णय लेने का अधिकार झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की किस धारा के तहत निगम परिषद को दी गई है, इसकी जानकारी दी जाए ताकि निगम परिषद की आगामी बैठक में उपस्थापित किया जा सके।
मेयर ने बताए नगर विकास विभाग के अधिसूचना में अंकित प्रमुख तथ्य
- अधिसूचना संख्या-juidco ltd./water supply/user charges policy/2019/2020
- झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा-590 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर झारखंड के राज्यपाल द्वारा निम्नलिखित नियमावली तैयार की गई है।
- यह नियमावली झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल अधिभार एवं जल संयोजन नियमावली 2020 कही जाएगी। इसका विस्तार सम्पूर्ण झारखंड में होगा। यह अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से प्रवृत्त होगा।
- जलापूर्ति से संबंधित कार्य के रखरखाव एवं संचालन स्थानीय निकाय या वाह्य श्रोत द्वारा किया जाएगा।
- वाह्य श्रोत द्वारा रखरखाव एवं संचालन किए जाने पर JUIDCO द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया से एजेंसी का चयन किया जाएगा। झारखंड राज्य में सभी रखरखाव एवं संचालन से संबंधित गतिविधि के लिए JUIDCO केंद्रीय नोडल बिंदु होगा। वाह्य एजेंसी के चयन के बाद स्थानीय शहरी निकाय, JUIDCO एवं एजेंसी के साथ एक त्रिपक्षीय एकरारनामा किया जाएगा, जो सभी पर लागू होगा। साथ ही जल शुल्क से प्राप्त राजस्व का व्यय केवल जलापूर्ति संबंधी गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा। इसके लिए अलग से विशिष्ट एस्क्रो खाता खोल कर उसका संधारण किया जाएगा।
- चयनित वाह्य एजेंसी वाटर इंटेक एवं पम्पिंग मशीनों के रखरखाव एवं संचालन का कार्य, सभी तरह के राइज़िंग मेन वितरण, उन्नत सेवा जलाशय पंप घर, गृह संयोजन, सभी बिजली उपकरण, स्काडा प्रणाली के रखरखाव एवं संचालन का कार्य, अंतिम उपभोक्ता तक सही दबाव में पेयजल आपूर्ति कार्य, इसके लिए महत्वपूर्ण माप अंक बनाए रखना आवश्यक होगा। साथ ही प्रासंगिक मानक के अनुसार व्यक्तिगत बिंदु तक शुद्ध जल आपूर्ति का कार्य, गैर राजस्व जल में कमी लानी होगी, जो कि अधिकतम 15 प्रतिशत तक होगा। यह मुख्य निष्पादन संकेतक का अभिन्न अंग होगा। ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली का रखरखाव एवं संचालन कार्य तथा नियत अवधि में संबंधित शिकायतों का निवारण करना होगा।
- राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी सभी आदेश/अधिसूचना/पालिसी/संकल्प आदि इस नियमवलिबके प्रभावी होने की तिथि से निरस्त समझ जाएगा। इस नियमावली के प्रभावी होने की तिथि से नगरपालिका जल कार्य, संधारण व जल अधिभार एवं गृह जल संयोजन नियमावली-2006 निरस्त समझा जाएगा। इसके अधीन प्रदत्त शक्तियों के तहत की गई कार्रवाई मान्य समझे जाएंगे तथा यह समझा जाएगा कि यह नियमावली उस तिथि को प्रवृत्त था जिस तिथि को ऐसी कार्रवाई की गई थी।
नगर आयुक्त से मेयर के सवाल
1. राज्य सरकार ने संबंधित नियमावली में एक-एक बिंदु स्पष्ट कर दिया है। अब इस अधिसूचना को रांची नगर निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित करने का क्या उद्देश्य है?
2. नियमावली से यह स्पष्ट है कि जलापूर्ति से संबंधित कार्यों के रखरखाव व संचालन का कार्य स्थानीय शहरी निकाय या वाह्य स्रोत के माध्यम से किया जाएगा। इसलिए इस नियमावली के तहत जलापूर्ति से संबंधित कार्य रांची नगर निगम के माध्यम से किए जाएंगे या juidco द्वारा चयनित नई एजेंसी के माध्यम से, इसे स्पष्ट करें।
3. राज्य सरकार के अधिसूचना में जल संयोजन के लिए आवेदन की प्रक्रिया, संयोजन अनुमोदन, क्रियान्वयन एवं अधिष्ठापन की प्रक्रिया स्पष्ट कर दी गई है। साथ ही फेरुल की माप, स्थाई/अस्थाई काल संयोजन की प्रक्रिया, आवेदन की अस्वीकृति, जल संयोजन अधिष्ठापन शुल्क, जल संयोजन मासिक शुल्क की दर, मासिक जल शुल्क का भुगतान, नलसाज एजेंसी का अनुज्ञप्ति, मासिक शुल्क का भुगतान नहीं किए जाने पर दंड का प्रावधान, पुराने मीटररहित संयोजन को मीटर युक्त में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया, अवैध जल संयोजन को वैध मीटरयुक्त जल संयोजन में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया, परिसरों में जलापूर्ति रोकने की शक्ति, जल की बर्बादी रोकना, जलापूर्ति से संबंधित अपराध, कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति, निरसन एवं व्यावृति की विस्तृत जानकारी दी गई है।
4. अब रांची नगर निगम परिषद के माध्यम से इस अधिसूचना को पारित कराने की क्या आवश्यकता है। अधिसूचना में यह जिक्र भी नहीं किया गया है कि इसे निगम परिषद से स्वीकृत किया जाना है। राज्य सरकार की यह अधिसूचना सभी नगर निकायों के लिए है न कि सिर्फ रांची नगर निगम के लिए। आप इस अधिसूचना को किस प्रयोजन के तहत निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाना चाहते हैं। इसे स्पष्ट करें।
5. रांची नगर निगम क्षेत्र में जल संयोजन शुल्क, व मासिक जल कर वसूली के लिए पूर्व से ही एजेंसी कार्यरत है। अब राज्य सरकार के अधिसूचना के तहत संबंधित एजेंसी के माध्यम से संबंधित कार्य कराए जाएंगे या JUIDCO के माध्यम से संबंधित कार्यों के लिए नई एजेंसी का चयन किया जाना है, इसे स्पष्ट करें।
6. राज्य सरकार के अधिसूचना के तहत जल संयोजन व जल कर में वृद्धि करने का प्रस्ताव रांची नगर निगम के माध्यम से तैयार किया जाना है या राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर ही जल संयोजन शुल्क व मासिक जल कर में वृद्धि का आधार होगा, इसे स्पष्ट करें।
7. राज्य सरकार के अधिसूचना के पालन करना मेरा कर्तव्य है। इसलिए इस अधिसूचना के प्रभावी होने की तिथि से इस नियमावली में वर्णित सभी बिंदुओं का पालन नगर आयुक्त के माध्यम से किया जा सकता है। मेरे समझ से इस अधिसूचना को निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित कर पारित कराने की आवश्यकता ही नहीं है। आप स्वयं रांची नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हैं। इसलिए राज्य सरकार के किसी भी अधिसूचना को लागू करने का अधिकार भी आपको प्रदान किया गया है।