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कोरोना नियंत्रित रहा तभी हो सकेगा पंचायत चुनाव, मंत्री आलमगीर आलम ने किया स्पष्ट

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द फॉलोअप टीम, रांचीः
झारखंड में दिसंबर 2020 में ही गांव की सरकार यानी पंचायती राज का कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन अब तक राज्य में पंचायत चुनाव नहीं करवाया गया।  पहले कहा गया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली है इसलिए चुनाव टाला गया बाद में कोरोना आ गया जो कि जगजाहीर है, जिस वजह से चुनाव नहीं हो सका। अब संसदीय कार्य व ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि अगर कोरोना नियंत्रण में रहा तो मार्च 2022 से पहले झारखंड में पंचायत चुनाव करवा दिया जाएगा इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।


नए लोगों का नाम मतदाता सूची 
दरअसल आलमगीर आलम शनिवार को रांची से दुमका जा रहे थे इसी बीच उन्होंने पूर्वी टुंडी के मैरानवाटांड़ स्थित एक होटल में पत्रकारों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर को विभाग का रिपोर्ट कार्य पेश किया गया। जनवरी 2022 में नए लोगों का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा। यह काम 5 जनवरी से शुरू हो जाएगा। चुनाव की तिथि की घोषणा करने का काम चुनाव आयोग का है। मतदाता सूची पुनरीक्षण में कुछ समय लगेगा। मतदाता सूची पुनरीक्षण और बूथ बनाने का काम इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। 


एक्सटेंशन पर चल रहा काम 
गौरतलब है कि जितने भी मुखिया इस वक्त हैं उन सबका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। सरकार वर्तमान मुखियाओं को एक्सटेंशन देकर काम चला रही है। फिलहाल झारखंड में 32660 गांव हैं। इधर विपक्ष लगातार सरकार को निशाने पर ले रही है।  भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पंचायतों का चुनाव नहीं कराने के पीछे सरकार पर पैमाने पर पैसे की उगाही का आरोप लगाया है। उन्होने कहा है कि मुखिया को एक्सटेंशन देने के नाम पर हर मुखिया से 10 से 15 हजार लिए गए हैं। इस तरह से करीब 40 करोड़ की उगाही की है।